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UP News: यमुना एक्सप्रेसवे पर बुलडोजर एक्शन, आलीशान ढाबा और एक दर्जन अवैध निर्माण ध्वस्त

जेवर, रफ़्तार टुडे। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मथुरा में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को प्राधिकरण ने अधिसूचित क्षेत्र की 16.35 हेक्टेयर यानी 40 एकड़ जमीन पर कब्जे को ध्वस्त कर दिया। इस जमीन की अनुमानित कीमत 245 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। अवैध कब्जा हटाने की यह कार्रवाई क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों और व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने के लिए की गई थी।

अवैध निर्माणों की विस्तृत सूची

प्राधिकरण के इस कार्रवाई के दौरान कई अवैध निर्माणों को गिराया गया। इनमें सबसे प्रमुख वृंदावन कट पर स्थित ‘रुद्र शिवा ढाबा’ का ध्वस्तीकरण शामिल था। यह ढाबा इलाके का सबसे प्रसिद्ध और आलीशान था। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान, सैकड़ों ग्राहक ढाबे में मौजूद थे, जिन्हें प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाला। इसके अलावा, यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे एक महंगे होटल सहित कई अन्य अवैध निर्माण भी ध्वस्त किए गए।

यमुना एक्सप्रेस वे पर चला बुलडोजर यमुना प्राधिकरण का

कॉलोनाइजरों के खिलाफ सख्त कदम

मथुरा में कॉलोनाइजरों ने अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियाँ शुरू कर दी थीं। यहां पर अवैध कॉलोनियों के साथ-साथ गेमिंग जोन और रेस्तरां भी बनाए गए थे। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को जब इन अवैध गतिविधियों की जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई की योजना बनाई। प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र सिंह, प्रशासन और मथुरा पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की।

मथुरा में प्राधिकरण की बड़ी योजना

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र छह जिलों तक फैला हुआ है, जिसमें गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा शामिल हैं। प्राधिकरण मथुरा में एक हेरीटेज सिटी बसाने की योजना बना रहा है, जो एक्सप्रेसवे के किनारे पर विकसित की जाएगी। इसके अलावा मथुरा में अन्य विकास परियोजनाओं को भी विकसित किया जाना है। इसी के तहत प्राधिकरण ने अवैध कब्जों के खिलाफ यह सख्त कदम उठाया है।

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अवैध कॉलोनियों की पहचान और ध्वस्तीकरण

प्राधिकरण ने जेवर क्षेत्र के अलावा मथुरा, बुलंदशहर, आगरा और टप्पल के अधिसूचित क्षेत्र में 35 अवैध कॉलोनियों की पहचान की थी। इसके अलावा, 300 से अधिक कॉलोनाइजरों को पूर्व में नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन अवैध गतिविधियाँ जारी रहने के कारण यह कार्रवाई अनिवार्य हो गई। प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि कुल 37 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए थे। इन्हें कई बार नोटिस दिया गया और धारा 10 के तहत कोर्ट की कार्रवाई भी की गई। उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के बाद यह कार्रवाई की गई है।

बड़ी तादाद में अधिकारी मौजूद

ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में एसडीएम मांट आदेश कुमार, तहसीलदार पवन कुमार गुप्ता, एसपी सिटी, सीओ महावन प्रवीण मलिक, महिला थाना की प्रभारी आशा चौधरी के अलावा आधा दर्जन थानों के प्रभारी, पीएसी और तहसील के कई लेखपाल मौजूद रहे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण आम लोगों को विज्ञापन के माध्यम से जागरूक कर रहा है। साथ ही, नई योजनाओं को लागू करने और अवैध कॉलोनाइजरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।

यमुना एक्सप्रेस वे पर चला बुलडोजर यमुना प्राधिकरण का

उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के तहत कार्रवाई

मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाकी अवैध निर्माणों को भी मंगलवार और फिर शुक्रवार को तोड़ा जाएगा।

इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अवैध निर्माणों और कब्जों के खिलाफ सख्त है। प्राधिकरण की इस कठोर कार्रवाई से अन्य अवैध कब्जों के खिलाफ भी एक सख्त संदेश गया है कि अवैध गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और वैध विकास को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

रफ्तार टुडे की एक्सक्लूसिव न्यूज़

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