UP Power Supply: गर्मी बढ़ने के साथ UP में गहराया बिजली संकट, एक घर में दो दो AC से ट्रिपिंग चालू हुई, 24 घंटे में से 16-18 घंटे कटौती से बढ़ गई बेचैनी, उत्तर प्रदेश समेत देश के आधा दर्जन राज्यों में गहराया बिजली संकट, UP में 18 दिन की जगह बचा है 6 दिन का कोयला स्टॉक
@gauravsharma030 उत्तर प्रदेश, रफ्तार टुडे। यूपी को बिजली देने वाले कई यूनिटों के बंद होने की वजह से भी संकट पैदा हो रहा है। सोमवार को 660 मेगावॉट की तीन यूनिटें बंद रहीं। इसके अलावा कई छोटी यूनिटें भी बंद हैं। इसकी वजह से भी बिजली संकट पैदा हो रहा है। गांवों, नगर पंचायत, तहसील स्तर पर बिजली कटौती की जा रही है। इस संकट की बड़ी वजह एक्सचेंज पर महंगी बिजली और यूपी में कई पावर प्लांटों का बंद होना है।
गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इसकी उपलब्धता में भारी कमी देखी जा रही है, जिसकी वजह से बिजली संकट गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, झारखंड समेत देश के कई राज्यों में बिजली के संकट को देखते हुए कटौती शुरू हो गई है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोयले का स्टॉक भी जरूरत के अनुपात में महज 26 फीसदी ही बचा है जिससे बिजली संकट और गहराने का खतरा बढ़ गया है।
यूपी की बात करें तो बिजली संकट के बीच प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशनों के पास जरूरत के अनुपात में एक चौथाई कोयले का ही स्टॉक बचा है।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अप्रैल के पहले पखवाड़े में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है. अप्रैल के महीने में बिजली की मांग 38 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाले यूपी स्टेट विद्युत उत्पादन निगम के पास मानकों के मुताबिक जितने कोयले का स्टॉक रहना चाहिए, उसका केवल 26 फीसदी ही बचा है।
उत्तर प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली संकट (Power Crisis In Uttar Pradesh) भी गहराता चला जा रहा है। आलम ये है कि प्रदेश के शाम से लेकर रात तक भयंकर बिजली कटौती की जा रही है। गांवों में तो रात में 16 से 18 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। पावर कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मौजूदा समय में पीक ऑवर्स में बिजली की डिमांड 22,500 मेगावॉट है। वहीं, पावर कॉरपोरेशन अधिकतम 18,500 मेगावॉट तक ही सप्लाई कर पा रहा है। इस तरह मांग के मुकाबले करीब 4,000 मेगावॉट का अंतर बना हुआ है। इस कारण गांवों, नगर पंचायत, तहसील स्तर पर बिजली कटौती की जा रही है। इस संकट की बड़ी वजह एक्सचेंज पर महंगी बिजली और यूपी में कई पावर प्लांटों का बंद होना है।
एक तरफ जहां प्रदेश में बिजली संकट है। वहीं, दूसरी ओर उपकेंद्र और ट्रांसफॉर्मर की ओवरलोडिंग के चलते शहरों में भी बिजली कटौती हो रही है। आलम ये है कि महानगरों में भी दिन और रात के वक्त 3-4 घंटे तक ट्रिपिंग की वजह से या फिर टेक्निकल फॉल्ट के चलते लोगों को कटौती का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, कानपुर समेत ज्यादातर शहरों में ओवरलोडिंग के कारण बिजली संकट पैदा हो रहा है।