UPSIDC News: ऑपरेशन त्रिलोकपुरम: ग्रेटर नोएडा में अवैध कॉलोनियों पर एनजीटी की बड़ी कार्रवाई, अनालोक्स टाउनप्लानर और एस्कॉन इंफ्रा को अब एनजीटी ने भी भेजा नोटिस
गौतम बुद्ध नगर: गौतम बुद्ध नगर जिले में, एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माण के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। एनजीटी ने गुलिस्तानपुर और बिरोंडी गांवों में त्रिलोकपुरम कॉलोनी काटने वाले एनालोक्स टाउनप्लानर और एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस आदेश के बाद प्राधिकरण की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है, जिससे आगामी दिनों में बड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
एनजीटी के आदेश और जांच
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल के आदेश के तहत इस मामले की जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता ने एनालोक्स टाउनप्लानर के प्रोजेक्ट त्रिलोकपुरम और एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर के प्रोजेक्ट पनाशे विला के अनियमितताओं की शिकायत की थी। इसके अतिरिक्त, एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर ने बिरोंडी में प्राइड विला नामक परियोजना भी शुरू की है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने भी इन परियोजनाओं को नोटिस जारी किया है। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि ग्राम गुलिस्तानपुर के खसरा नंबर 47, 48, 49, 51, 52, 55 और 56 पर अवैध रूप से विकास कार्य चल रहा है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि किसी भी उद्योग, संस्थान या परियोजना की स्थापना से पूर्व जल प्रदूषण निवारण नियंत्रण अधिनियम 1974 और वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना अनिवार्य है। परंतु, इन परियोजनाओं ने यह प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त किया।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि पर अतिक्रमण कर कई जगह अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है। एनालोक्स टाउनप्लानर और एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर ने इन परियोजनाओं के लिए किसी भी प्राधिकरण से कोई स्वीकृति नहीं ली है, न ही रेरा से कोई नंबर लिया गया है, और न ही किसी प्राधिकरण से कोई मैप पास किया गया है। इन परियोजनाओं में 2 करोड़ रुपये की कीमत वाले आलीशान विला बेचे जा रहे हैं, जिनका कोई वैधता प्रमाण नहीं है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आगामी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब इन परियोजनाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण के सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में इन सभी प्रोजेक्ट्स पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है। प्राधिकरण ने एनजीटी से पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन कराते हुए रिपोर्ट मांगी है और अतिक्रमण कर रहे भू-माफियाओं से भी नोटिस देकर जानकारी मांगी है।
एनजीटी की अगली सुनवाई
एनजीटी ने इस मामले में 27 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। सुनवाई से एक सप्ताह पहले अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपनी होगी।
पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन
रफ़्तार टुडे के पास दोनों ही कॉलोनाइजर और बिल्डर/डेवलपर को भेजे गए नोटिस की कॉपी उपलब्ध है। इसमें बताया गया है कि इन परियोजनाओं ने पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन किया है। बिना किसी स्वीकृति के ये निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो कानूनी दृष्टिकोण से पूरी तरह अवैध हैं।
इस पूरे प्रकरण में एनजीटी के आदेश और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भूमिका महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि किस प्रकार से अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाती है और पर्यावरणीय नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाता है। इससे न केवल अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, बल्कि भूमि के सही उपयोग की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।