BJP Jewar News : जब जेवर की धरती बनी ‘नारी शक्ति’ का रणभूमि!, अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी पर गरजा सशक्तिकरण का उद्घोष, बोले सांसद डॉ. महेश शर्मा, “भारत की बेटियाँ अब सिर्फ इतिहास नहीं, भविष्य भी लिखेंगी”
जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी रानी अहिल्याबाई होलकर की विरासत से प्रेरणा लेकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रही है।जेवर में महिला जागरूकता और संस्कृति संरक्षण की मिसाल बना समारोह, बड़ी संख्या में आमजन भी हुए शामिल

जेवर, रफ्तार टुडे।
30 मई 2025 को जेवर की सरज़मीं पर एक ऐतिहासिक क्षण रचा गया, जब नगर पंचायत परिसर और ब्लॉक सभागार महिला सशक्तिकरण और ऐतिहासिक चेतना के रंगों में रंग गया। अवसर था ‘रानी अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती समारोह’ का, जिसे महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के रूप में भव्य रूप से मनाया गया। इस समारोह ने केवल अतीत की गौरवगाथा को जीवंत नहीं किया, बल्कि वर्तमान और भविष्य की बेटियों को प्रेरणा देने का काम भी किया।
इस गरिमामयी आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, जबकि विशिष्ट अतिथि की भूमिका में रहे जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अमित चौधरी। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं तक की भारी भागीदारी ने इसे एक जन आंदोलन जैसा रूप दे दिया।
“रानी अहिल्याबाई – नाम नहीं, विचार हैं!” – बोले सांसद डॉ. महेश शर्मा
सांसद डॉ. महेश शर्मा ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा:
“रानी अहिल्याबाई होलकर वह उदाहरण हैं, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए भी सेवा और समाज को सर्वोपरि रखा। उनकी न्यायप्रियता, साहस और लोककल्याण के कार्य आज भी प्रशासन और नेतृत्व के लिए आदर्श हैं।”
उन्होंने बताया कि 1767 से 1795 तक शासन करने वाली अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर, सप्तपुरियों के घाट, धर्मशालाएं, बावड़ियां, और विश्राम गृहों का निर्माण कराया। रानी अहिल्याबाई ने न केवल संरचनाओं का निर्माण किया, बल्कि समाज के ताने-बाने को भी मजबूत किया।
‘बेटी अब इतिहास नहीं, क्रांति की मशाल बनेगी’ – मोदी सरकार की नीति पर बोले डॉ. शर्मा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण योजनाओं की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा:
“देश की बेटियाँ आज ऑपरेशन सिंदूर से लेकर चंद्रयान तक हर जगह विजय पताका फहरा रही हैं। संसद में आरक्षण देना हो या मुद्रा योजना से आर्थिक स्वतंत्रता – मोदी सरकार ने हर स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाया है।”
उन्होंने हाल की पहलगाम आतंकवादी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की बहादुर बेटियों ने आज विश्व मंच पर देश का मान बढ़ाया है और यह सब मोदी जी के नेतृत्व में संभव हो पाया है।
अमित चौधरी बोले – भाजपा रानी अहिल्याबाई की राह पर चल रही है
जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी रानी अहिल्याबाई होलकर की विरासत से प्रेरणा लेकर ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा:
“अहिल्याबाई जैसी शासिकाओं से हम सीखते हैं कि नेतृत्व में संवेदना, सेवा और संस्कृति का संतुलन होना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि यह समारोह केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को दिशा देने वाला आयोजन था।
भव्य उपस्थिति ने समारोह को बनाया जनभावना का उत्सव
कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष नारायण माहेश्वरी, सतपाल, संजय रावत, मंजीत सिंह, चंदमणि भारद्वाज, रोहित ठाकुर, तिर्लोक सिंह, कर्मवीर आर्य, रविन्द्र शर्मा, मोनू गर्ग, अशोक शर्मा समेत सैकड़ों गणमान्य नागरिक और ग्रामीण महिला समूह शामिल हुए।
हर चेहरा गर्व और ऊर्जा से भरा था – यह केवल एक समारोह नहीं, बल्कि ‘नारी शक्ति के महाकुंभ’ जैसा दृश्य बन गया।
महिला सशक्तिकरण का वास्तविक उद्देश्य
समारोह का उद्देश्य केवल स्मरण नहीं, बल्कि ‘सशक्त भारत’ की आधारशिला रखने का संदेश देना था। इस कार्यक्रम ने बेटियों को प्रेरित किया कि वे:
- नेतृत्व करें,
- समाज सेवा में भाग लें,
- और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका पहचानें।
यह आयोजन ऐसे समय हुआ है जब देश भर में रानी अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी मनाई जा रही है और यह जेवर की ज़मीन पर एक सांस्कृतिक जागरण के रूप में देखा गया।
ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश
रानी अहिल्याबाई होलकर ने अपने शासनकाल में जिन प्रमुख कार्यों को अंजाम दिया, उनमें शामिल हैं:
- काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण
- अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारका, रामेश्वरम जैसे स्थलों पर सामाजिक ढांचे का विकास
- धर्मशालाओं, सड़कों, बावड़ियों का निर्माण
- महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की नीति
उनकी यह सोच आज के नेतृत्व के लिए भी एक प्रेरणा-स्तंभ है।
‘जेवर में बेटियों ने लिया आत्मनिर्भरता का संकल्प’
इस समारोह के बाद कई छात्राओं, महिला समूहों और युवतियों ने कहा कि वे रानी अहिल्याबाई होलकर को आदर्श मानकर अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती हैं। छात्रा साक्षी शर्मा ने कहा:
“रानी अहिल्याबाई जैसी प्रेरणादायी महिला इतिहास में कम होती हैं। हम गर्व से कह सकते हैं कि हम उसी धरती पर हैं जहां अब महिलाएं नेतृत्व में आगे आ रही हैं।”
निष्कर्ष: यह आयोजन नहीं, चेतना का संचार था
यह आयोजन केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि यह देश की बेटियों को इतिहास से जोड़कर भविष्य के लिए प्रेरित करने वाला क्रांतिकारी कदम था। जेवर ने यह दिखा दिया कि यहां केवल विकास की बातें नहीं होतीं, यहां संस्कृति और शक्ति का संगम होता है।
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