UP MLC News : गौतमबुद्धनगर के ग्रामीणों को कब मिलेगा स्वामित्व योजना का हक?, विधान परिषद में गूंजा मामला, एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने उठाई बड़ी मांग
गौतमबुद्धनगर के ग्रामीणों को स्वामित्व योजना का लाभ दिलाने की मांग, MLC श्री श्रीचंद शर्मा ने विधान परिषद में उठाया मामला

लखनऊ/गौतमबुद्धनगर, रफ्तार टुडे। सरकार की महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना ने देशभर के लाखों ग्रामीणों को उनकी जमीन पर कानूनी अधिकार दिलाने का काम किया है, लेकिन गौतमबुद्धनगर जिले के हजारों ग्रामीण अभी भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं। इस महत्वपूर्ण मुद्दे को विधान परिषद में एमएलसी श्री श्रीचंद शर्मा ने प्रमुख सचिव के समक्ष नियम 115 के तहत ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से उठाया और तत्काल कार्यवाही की मांग की।
गौतमबुद्धनगर के गांवों में क्यों नहीं लागू हो पाई स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिससे वे अपनी संपत्ति का कानूनी रूप से दावा कर सकते हैं और उसका उपयोग बैंक लोन आदि के लिए कर सकते हैं। अब तक देशभर में करीब 2 करोड़ घरौनी प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से उत्तर प्रदेश में 9553 ग्रामों का ड्रोन सर्वे कर करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिला है।
लेकिन गौतमबुद्धनगर के 80% गांव, जो नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आते हैं, उन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है।
एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने विधान परिषद में रखा ग्रामीणों का पक्ष
विधान परिषद में अपनी बात रखते हुए श्री श्रीचंद शर्मा ने कहा—
“गौतमबुद्धनगर के ग्रामीणों के साथ अन्याय हो रहा है। पूरे प्रदेश में जहां-जहां स्वामित्व योजना लागू की जा रही है, वहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के तहत आने वाले गांवों को इससे वंचित रखा गया है। यहां के ग्रामीण अपनी जमीनों पर दशकों से बसे हुए हैं, लेकिन कानूनी दस्तावेज न होने के कारण वे कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।”
उन्होंने प्रमुख सचिव से जल्द से जल्द इस योजना को गौतमबुद्धनगर जिले में लागू करने और ग्रामीणों को मालिकाना हक दिलाने की मांग की।
गांवों में स्वामित्व योजना न लागू होने से क्या नुकसान हो रहा है?
1️⃣ बैंक लोन नहीं मिल रहा: ग्रामीणों के पास कानूनी घरौनी न होने के कारण वे अपनी संपत्ति के बदले लोन नहीं ले पा रहे हैं।
2️⃣ संपत्ति विवाद बढ़ रहे हैं: कानूनी दस्तावेज न होने से परिवारों और समुदायों के बीच जमीन को लेकर विवाद बढ़ रहे हैं।
3️⃣ सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं: बिना घरौनी प्रमाण पत्र के लोग प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।
4️⃣ बेहतर जीवन स्तर का सपना अधूरा: कानूनी अधिकार न होने से ग्रामीण विकास की कई योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
योजना लागू करने में देरी क्यों? क्या कह रहे हैं अधिकारी?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इन क्षेत्रों की जमीनों की कानूनी स्थिति जटिल है, क्योंकि अधिकतर भूमि का अधिग्रहण औद्योगिक और व्यावसायिक विकास के लिए किया गया था। इसी कारण से अभी तक स्वामित्व योजना को इन गांवों में लागू करने का निर्णय नहीं लिया गया है।
लेकिन एमएलसी श्रीचंद शर्मा और ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रदेश के अन्य जिलों में यह योजना लागू की जा सकती है, तो गौतमबुद्धनगर में भी इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए।

क्या अब मिलेगी राहत? सरकार कब उठाएगी ठोस कदम?
अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार गौतमबुद्धनगर के ग्रामीणों को उनका हक दिलाने के लिए जल्द कोई निर्णय लेगी?
अगर यह योजना लागू होती है, तो हजारों ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र मिल सकेगा, जिससे उनकी संपत्ति का कानूनी अधिकार सुनिश्चित होगा और वे अपने नाम पर जमीन को सुरक्षित कर पाएंगे।
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