Breaking News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में नशे का काला साम्राज्य, युवाओं की बर्बादी का ज़िम्मेदार कौन?, प्रशासन मौन, ड्रग्स माफिया बेखौफ!, शहर की गलियों में जहर की सप्लाई, युवा हो रहे हैं नशे के गुलाम

नोएडा, ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ड्रग्स माफियाओं का नेटवर्क तेजी से फैलता जा रहा है। शहर की गलियों से लेकर पॉश इलाकों तक, हर जगह नशे का सामान आसानी से उपलब्ध हो रहा है। युवा पीढ़ी, जो देश का भविष्य है, नशे की लत में बर्बाद होती जा रही है, और प्रशासनिक दावे महज कागजी कार्रवाई तक सीमित रह गए हैं।
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने छह महीने पहले नारको कोऑर्डिनेशन सेंटर के तहत एक जिला स्तरीय बैठक कर युवाओं को नशे के प्रति जागरूक करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस अभियान की ज़मीनी हकीकत बेहद निराशाजनक है। नशे के खिलाफ जिस तरह से बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की जरूरत थी, वह अब तक शुरू ही नहीं हुआ है।
चाय की दुकानों से मेडिकल स्टोर्स तक, हर जगह बिक रहा है नशा
शहर की गलियों में मौजूद छोटी-छोटी दुकानों, चाय के खोखे, परचून की दुकानों और मेडिकल स्टोर्स से नशीले पदार्थों की बिक्री बेरोकटोक जारी है। तंबाकू, गुटखा, जर्दा, हुक्का, अफीम, गांजा, चरस और कई अन्य खतरनाक ड्रग्स यहां आसानी से उपलब्ध हैं।
सुबह से लेकर देर रात तक, मेडिकल स्टोर्स और दुकानों के बाहर युवाओं की लंबी लाइनें इस बात का सबूत हैं कि किस तरह नशे का बाजार फल-फूल रहा है। कई युवा तो पान मसाले और सिगरेट में नशीले पदार्थ मिलाकर उसका सेवन कर रहे हैं।
नशे की आड़ में देह व्यापार, गंदी कमाई का खेल जारी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नशे के साथ-साथ अनैतिक देह व्यापार भी बड़ी समस्या बन चुका है। नशे की गिरफ्त में फंसी लड़कियों और महिलाओं को इस दलदल में धकेल दिया जाता है। गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोग नशे के चंगुल में फंसकर इस गंदे धंधे का हिस्सा बन रहे हैं।
गौतमबुद्ध नगर जिले के कई पॉश इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अड्डे संचालित हो रहे हैं, जहां देह व्यापार के साथ-साथ ड्रग्स का भी कारोबार चल रहा है। शहर के होटल, गेस्ट हाउस और रिहायशी इलाकों में इनकी मौजूदगी किसी से छिपी नहीं है।
युवाओं के जीवन पर नशे का असर: स्वास्थ्य के लिए खतरा, भविष्य अंधकारमय
नशे की लत न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसानदेह है, बल्कि यह युवाओं के भविष्य को भी अंधकारमय बना रही है।
- स्वास्थ्य पर असर – ड्रग्स का सेवन करने से मानसिक अस्थिरता, एकाग्रता की कमी, याद्दाश्त कमजोर होना, नींद न आना, भूख कम लगना और वजन गिरना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
- अपराध की दुनिया में धकेल रहा नशा – नशे की लत के कारण युवा चोरी, लूटपाट, झगड़े और अन्य अपराधों में शामिल हो रहे हैं। ड्रग्स खरीदने के लिए वे गलत रास्तों पर चलने को मजबूर हो जाते हैं।
- एचआईवी और अन्य बीमारियों का खतरा – संक्रमित सुई के उपयोग से एड्स (HIV), हेपेटाइटिस और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है।
नशा मुक्त अभियान को गति देने की जरूरत, क्या करेगा प्रशासन?
युवाओं को नशे से बचाने के लिए प्रशासन को अब गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 27 और 27 (ए) के तहत ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

जरूरी उपाय:
✔️ शहर के प्रमुख स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाया जाए।
✔️ शैक्षणिक संस्थानों में ड्रग्स विरोधी कार्यक्रमों का आयोजन हो।
✔️ सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में नशामुक्ति केंद्रों को बढ़ावा दिया जाए।
✔️ ग्रामीण इलाकों और बाजारों में महीने में कम से कम एक दिन नशे के विरुद्ध अभियान चलाया जाए।
✔️ स्कूल-कॉलेजों में पोस्टर, बैनर और डिजिटल माध्यमों से युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाए।
भोजन में भी मिलाया जा रहा नशा, बढ़ती जा रही चिंता
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई इलाकों में बिरयानी, चावल, फास्ट फूड और अन्य खाद्य पदार्थों में नशीले तत्व मिलाकर लोगों को धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में धकेला जा रहा है।
इस तरह के मामलों में अफीम और चरस का उपयोग किया जाता है, जिससे खाने के स्वाद में बदलाव लाया जाता है और उपभोक्ता धीरे-धीरे नशे का आदी हो जाता है।
क्या करें युवा? नशे से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
- लाइफस्टाइल में बदलाव करें – सही दिनचर्या अपनाएं और सुबह जल्दी उठकर योग और व्यायाम करें।
- खुद को व्यस्त रखें – पढ़ाई, खेल और अन्य सकारात्मक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखें।
- सकारात्मक सोच रखें – आत्मविश्वास बढ़ाएं और नशे को हमेशा के लिए ‘ना’ कहें।
- सही संगति अपनाएं – नशा करने वाले दोस्तों की संगति से बचें और अच्छी संगत में रहें।
- परिवार का सहयोग लें – अगर नशे की लत लग चुकी है तो परिवार और दोस्तों से खुलकर बात करें और उनकी मदद लें।
सरकार और प्रशासन से विशेष मांग
दादरी तहसील में पूर्व अध्यक्ष दादरी तहसील बार एडवोकेट राकेश नागर ने गौतमबुद्ध नगर में तेजी से बढ़ रही नशाखोरी पर रोक लगाने के लिए एनडीपीएस एक्ट के तहत ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चलाए जाने की जरूरत है। पुलिस और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे नशे के काले कारोबार में लिप्त मेडिकल स्टोर्स, चाय की दुकानें, किराना दुकानों और अन्य ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई करें।
इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों की भूमिका को भी जांचने की जरूरत है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वे भी इस अवैध धंधे में संलिप्त तो नहीं हैं।
समाप्ति पर एक सवाल – कब जागेगा प्रशासन?
युवा हमारे देश का भविष्य हैं, लेकिन अगर उनका भविष्य ही अंधकारमय हो जाएगा तो राष्ट्र कैसे प्रगति करेगा? प्रशासन को इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कठोर कानूनों को सख्ती से लागू करना ही एकमात्र उपाय है।
यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो वह दिन दूर नहीं जब नोएडा-ग्रेटर नोएडा ड्रग्स माफियाओं के गढ़ में तब्दील हो जाएगा।
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