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Sharda University News : शारदा अस्पताल में विश्व क्षयरोग दिवस पर जागरूकता अभियान, तीन दिवसीय कार्यक्रम में डॉक्टरों ने बताए टीबी उन्मूलन के उपाय

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और टीबी उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा में विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

भारतीय क्षय रोग संघ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग और मेडिकल वर्कशॉप जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया, जिनका उद्देश्य टीबी के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना और इससे बचाव के तरीकों पर चर्चा करना था। कार्यक्रम में एमबीबीएस, एमडी, एमएस, फिजियोथेरेपी और नर्सिंग के छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।


टीबी उन्मूलन के लिए शारदा अस्पताल का सराहनीय प्रयास

शारदा अस्पताल के श्वसन चिकित्सा विभाग के प्रमुख, डॉ. देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हर साल 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है, ताकि इस गंभीर संक्रामक रोग के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी दी जा सके।

उन्होंने कहा, “टीबी एक ऐसा रोग है, जो न केवल रोगी की शारीरिक सेहत को प्रभावित करता है, बल्कि उसके सामाजिक और आर्थिक जीवन पर भी बुरा असर डालता है। यह हमारे समाज के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है। हालांकि, सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के चलते पिछले कुछ वर्षों में इस बीमारी के मामलों में कमी आई है।”

उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत टीबी के मुफ्त इलाज और पोषण सहायता जैसी सुविधाएं मरीजों को प्रदान की जा रही हैं।


क्या है टीबी? कैसे फैलता है यह संक्रामक रोग?

डॉ. सिंह ने इस दौरान टीबी रोग के लक्षण, कारण और रोकथाम के उपायों पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों पर असर डालता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है

टीबी के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
लगातार दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी आना
बुखार और रात में पसीना आना
वजन का तेजी से घटना
थकान और कमजोरी महसूस होना
खांसी में खून आना (गंभीर मामलों में)

उन्होंने बताया कि टीबी हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति को इलाज शुरू होने तक खांसते या छींकते समय मुंह ढंकने की सलाह दी जाती है


सरकार की “निक्षय पोषण योजना” – टीबी मरीजों के लिए वरदान

कार्यक्रम में डॉक्टरों ने निक्षय पोषण योजना के बारे में भी जानकारी दी, जो कि टीबी मरीजों को आर्थिक सहायता देने की एक सरकारी योजना है। इसके तहत टीबी से पीड़ित मरीजों को हर महीने 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे उचित पोषण प्राप्त कर सकें और जल्द स्वस्थ हो सकें।

डॉ. सिंह ने बताया कि टीबी का संपूर्ण इलाज निशुल्क उपलब्ध है, और सरकार इसके मरीजों को आर्थिक मदद के साथ-साथ पोषण संबंधी सहायता भी प्रदान कर रही है

उन्होंने कहा, “आज के समय में टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते मरीज नियमित रूप से अपनी दवाएं लें और डॉक्टरों की सलाह का पालन करें।”

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शारदा अस्पताल में विश्व क्षयरोग दिवस पर जागरूकता अभियान

टीबी मरीजों को गोद लेने की पहल – समाज की सहभागिता जरूरी

टीबी के उन्मूलन के लिए सरकार ने टीबी मरीजों को गोद लेने की अनूठी पहल भी शुरू की है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और समाजसेवी टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण सहायता प्रदान कर सकते हैं

डॉ. सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यह कार्यक्रम टीबी मरीजों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।”


शारदा अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी

इस जागरूकता कार्यक्रम में शारदा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट, डॉ. राममूर्ति शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ए. के. गड़पायले, फिजियोथेरेपी विभाग के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल स्टूडेंट्स उपस्थित रहे।

अस्पताल प्रशासन ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए भारतीय क्षय रोग संघ और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया।


क्या कहते हैं मरीज और उनके परिजन?

कार्यक्रम के दौरान कुछ टीबी मरीजों और उनके परिवारों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

टीबी से ठीक हो चुके मरीजों ने बताया कि कैसे सरकार की मुफ्त दवा योजना और पोषण सहायता से उन्हें स्वस्थ होने में मदद मिली।
कुछ मरीजों ने बताया कि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने की वजह से उनकी बीमारी बढ़ गई थी, लेकिन सही समय पर इलाज मिलने से वे ठीक हो गए।
परिजनों ने भी डॉक्टरों और सरकारी योजनाओं की सराहना की, जिससे गरीब मरीजों को मदद मिल रही है।


निष्कर्ष – टीबी से बचाव और जागरूकता जरूरी

इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को टीबी के प्रति सचेत करना और उन्हें इस बीमारी के लक्षणों की पहचान करने में मदद करना था

टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए समाज की भागीदारी, सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन और समय पर इलाज बेहद जरूरी है

अगर आपको या आपके किसी परिचित को लंबे समय तक खांसी, बुखार या वजन घटने की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
टीबी पूरी तरह ठीक हो सकती है, लेकिन इसके लिए मरीज को दवा को पूरा कोर्स करना अनिवार्य है।
निक्षय पोषण योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर मरीज जल्द स्वस्थ हो सकते हैं।

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