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UGC’s new guideline for permanent appointment of teachers | शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के लिए यूजीसी की नई गाइडलाइन

नई दिल्ली7 घंटे पहले

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दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेज प्रिंसिपलों को शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग व शॉर्ट लिस्टिंग संबंधी गाइडलाइंस भेजी है। जब से कॉलेजों को गाइडलाइंस का सर्कुलर भेजा है तभी से कॉलेजों में स्क्रीनिंग का कार्य जोरों पर चल रहा है।

बता दे कि पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी ने भी विश्वविद्यालय व कॉलेजों को जारी सर्कुलर के अनुसार एससी/एसटी/ओबीसी के बैकलॉग पदों को भरने के दिशा निर्देश दिए थे। स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी नई गाइडलाइंस के अनुसार एक पोस्ट पर नियुक्ति के लिए 30 अभ्यर्थियों को बुलाने को कहा है। साथ ही जो यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार एपीआई स्कोर पूरा करते हैं उनके नाम वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उन्हीं अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाएगा।

बहुत से कॉलेजों के एडहॉक टीचर्स ने बताया है कि विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गई गाइडलाइंस के अनुसार 10 से 20 फीसदी वे एडहॉक टीचर्स जो पिछले कई वर्षों से कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और जो एमए, एमकॉम, एमएससी, नेट, जेआरएफ करके लगे हुए हैं, वे सिस्टम से बाहर हो जाएंगे। इसको लेकर एडहॉक शिक्षकों में खलबली मची हुई है। उनका कहना है कि इस गाइडलाइंस के अनुसार बिना पीएचडी एससी/एसटी/ओबीसी व विकलांग अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आएगा, जबकि यूजीसी शिक्षा मंत्रालय ने सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में पीएचडी से छूट मिली है। आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने सभी एलिजिबल कैंडिडेट्स को इंटरव्यू में बुलाने की मांग की है।

बहुत से एडहॉक शिक्षक विवि के इस नए क्राइटेरिया से सिस्टम से बाहर हो रहे हैं

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ हंसराज सुमन ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों के लगभग 850 पदों पर व कॉलेजों में 5000 से अधिक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू के विभिन्न विभागों और संबद्ध कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए स्क्रीनिंग का कार्य जोरशोर से चल रहा है। यह स्क्रीनिंग सब पुराने विज्ञापनों के आधार पर पदों को निकाला गया था। जबकि उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो चुकी है।

यदि कॉलेज/विश्वविद्यालय इन पदों को भरने के लिए कोरिजेंडम देता है तभी मान्य है। डॉ सुमन ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी ने अपने सर्कुलर में एससी/एसटी/ओबीसी के बैकलॉग पदों को भरने के लिए निर्देश दिए थे लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से इन पदों का बैकलॉग संबंधी कोई सर्कुलर नहीं भेजा। उनका कहना है कि बहुत से एडहॉक शिक्षक विश्वविद्यालय के इस नए क्राइटेरिया से सिस्टम से बाहर हो रहे हैं। साथ ही स्क्रीनिंग करते समय आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का एपीआई स्कोर 45 से कम होने पर उन्हें इंटरव्यू में नहीं बुलाया जाएगा।

डॉ सुमन ने यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से मांग की है कि एमएचआरडी के 5 दिसंबर 2019 के सर्कुलर को लागू करते हुए एडहॉक टीचर्स को परमानेंट अपॉइंटमेंट्स के इंटरव्यू के समय सभी को बुलाया जाए। उन्हें प्राथमिकता देते हुए स्थायी किया जाए जैसा कि उस पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है। ऐसा करने से वे सिस्टम में बने रह सकते हैं।

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