ग्रेटर नॉएडा, रफ्तार टुडे। बाइक बोट पोंजी घोटाले के आरोपी तरुण कुमार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने नोएडा में हुए करोड़ों रुपए के बाइक बोट पोंजी घोटाले के एक आरोपी कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक तरुण कुमार को जमानत दे दी है।
कोर्ट ने कहा कि उसने आरोपी कंपनी- मैसर्स गारविट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के दिन-प्रतिदिन के मामलों में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाई है।
दूसरी तरफ़ इसी बाइक बोट घोटाले में आरोपित राजेश भारद्वाज की दो करोड़ की संपत्ति हुई जब्त। मूल रूप से बुलन्दशहर का रहने वाला है राजेश। नोएडा के सेक्टर 121 स्थित क्लियो काउंटी सोसायटी का फ्लैट हुआ जब्त।
क्या है मामला
बाइक-बोट घोटाला को साधारण शब्दों में इस तरह समझा जा सकता है कि ओला और उबर जैसी कंपनियों की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर एक प्रोजेक्ट लांच करवाने की तैयारी की घोषणा की गई थी, इसका झांसा देकर हजारों-लाखों निवेशकों से करोड़ों रूपये की ठगी की गई थी. ईडी के मुताबिक, बाइक-बोट कंपनी ने करीब एक लाख 75 हजार निवेशकों को काफी मोटे मुनाफे का लालच देकर करीब तीन हजार रुपये का निवेश करवाया।
लोगों से पैसे निवेश करवाने के बाद उस फंड को फर्जी कंपनियों और ट्रस्ट में दान के नाम पर सारी रकम खपा दी गई. उसके बाद उस दान वाली रकम को कुछ कमीशन देकर संचालकों ने फिर से घुमाकर अपने खातों में ले लिया।