ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। सोनिया दुबे ग्रेटर नोएडा के गौर अतुल्यम सोसाइटी के टावर C के फ्लैट no. 1621 में रहती हूं आज दोपहर लगभग 2:30बजे अपने किसी काम से सोसाइटी से बाहर जा रही थी मेरी स्कूटी नीचे बेसमेंट में पार्क थी मैं स्कूटी द्वारा बेसमेंट से बाहर निकल रही थी मैंने हॉर्न भी दिया कॉर्नर पर लेकिन सामने से तेज रफ्तार से आती हुई एक मोटरसाइकिल मुझसे टकराई।
जिससे कि मैं और मेरी स्कूटी दूर जाकर गिरी। मुझे चोट भी लगी लेकिन वह व्यक्ति जो बाइक पर था उसने अपनी गलती मानने की बजाय मुझसे गंदी गालियां देकर के मां बहन की गाली देकर के मुझसे बात की मैंने काफी कोशिश की कि इस बात को यहीं खत्म कर दिया जाए लेकिन वह अपनी बदतमीजी पर आमादा था उसने जब गालियों की बौछार की तो मैंने कहा कि रुको मैं अभी पुलिस को बुलाती हूं मैंने जैसे ही अपना फोन अपने वॉलेट से निकाला उसने मेरा फोन मेरे हाथ से छीन लिया और और मुझे धक्का दे दिया…
अपने बचाव की कोशिश तो मैंने की किंतु उसके पाशविक व्यवहार के आगे मेरी क्या बिसात… उसने मुझे थप्पड़ों से मारना शुरू किया और बोला कि तू जानती नहीं है मेरा नाम सोनू भाटी है तुझे जान से मार दूंगा। जब मैं अपने आप को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगी तो उसने और हिंसक तरीके से मुझे पकड़कर बहुत गंदे तरीके से मारना शुरू किया और मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की मैं अपने आप का बचाव करने के लिए इधर उधर भागी।
मेरे मुंह पर थप्पड़ ही थप्पड़ मारता चला गया। जिन थप्पड़ों के निशान भी काफी देर तक बने रहे।
अपने मानसिक कष्ट को पूरी तरह से शब्दों में व्यक्त कर पाना नामुमकिन है। मैं मानसिक रूप से इतनी आहत हूं कि मैं आत्महत्या तक करने की सोच बैठी… क्या मेरा नारी होना अपराध है..? क्या मुझे सामाजिक रूप से इस तरह से जलील करना न्याय संगत है…? ऐसे गुंडे, ऐसी विकृत मानसिकता