सेक्टर-93ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर के अंतिम ब्लास्ट की तैयारी तेज हो गई है
नोएडा, रफ्तार टुडे। ब्लास्ट से होने वाले कंपन कम करने के लिए बेसमेंट में मलबा भरा जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे कंपन कम होने की उम्मीद है। कंपन कम होने से आसपास की इमारतों को नुकसान होने का खतरा भी कम होगा।
एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के सूत्रों के मुताबिक ब्लास्ट के दौरान कंपन को मापने के लिए आईआईटी चेन्नई की टीम मौजूद रहेगी। कंपन को मापना इसलिए भी जरूरी है।
क्योंकि अगर आसपास की इमारतों को किसी तरह का नुकसान होता है तो इससे एक अंदाज लगाना आसान होगा कि वाकई इमारत को नुकसान ब्लास्ट की वजह से हुआ है या नहीं।
यह भी बताया जा रहा है कि बेसमेंट-1 में विस्फोटक लगाया जाएगा। वहीं इससे नीचे के अंतिम बेसमेंट में मलबा भरा जाएगा। भरे जाने वाले मलबे की ऊंचाई का फैसला अभी नहीं लिया गया है।
बताया जा रहा है कि यह दो से तीन मीटर तक हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि जब ब्लास्ट के बाद इमारत गिरेगी तो इस दौरान यही मलबा इमारत गिरने से होने वाले कंपन को कम करेगा। विस्फोटक लगाने से पहले के कार्य करीब-करीब पूरे
अधिकारियों का कहना है कि विस्फोटक लगाने से पहले पिलर में ड्रिल करने, तार की जाली लगाने और जिओ फाइबर टेक्सटाइल लगाने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है।
अब 1अगस्त से ड्रिल की गई जगह में विस्फोटक लगाने का काम शुरू होगा। अंतिम ब्लास्ट से पहले ग्राउंड सेफ्टी के उपाय भी किए जा रहे हैं। इसमें इमारत के चारो ओर 30-30 फीट ऊंचे लोहे के कंटेनर लगाए जा रहे हैं। इसकी मदद से मलबे को फैलने से रोका जा सकेगा। माना जा रहा है कि यह मलबा करीब चार से पांच मंजिला इमारत के बराबर होगा। इसे एमराल्ड कोर्ट के दूसरे अन्य टावर की दूसरी ओर गिराने की योजना है।
गेल की पाइपलाइन की जा रही सुरक्षित ट्विन टावर के पास से ही गेल की गैस पाइपलाइन जा रही है। इस भूमिगत पाइप लाइन के ऊपर लोहे की जाली लगाई जा रही है ताकि ऊपर से मलबा गिरने पर इसे सुरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा इसके ऊपर भी कुछ मीटर ऊंचाई तक मलबा रखा जाएगा। ताकि इमारत गिरने के दौरान अगर किसी हालत में इस पर ऊपर से मलबा गिरता है तो इसे किसी तरह का नुकसान नहीं हो। 102.5 करोड़ का बीमा कराना अभी बाकी
आसपास की इमारतों में रहने वाले लोगों के फ्लैटों में अगर किसी तरह का नुकसान ब्लास्ट के बाद होता है तो इसके लिए बीमा कराया जा रहा है। यह बीमा 102.5 करोड़ का होगा। इस बाबत एडिफिस इंजीनियरिंग की ओर से बीमे का ड्राफ्ट प्राधिकरण को दिया गया है। प्राधिकरण की ओर से इसमें कुछ संशोधन के बाद पास किया जाएगा।