50-50 करोड़ में बिके शिवसेना के बागी विधायक, बीजेपी ने खरीदा, लोकतंत्र के लिए कलंक
मुंबई, रफ्तार टुडे। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए बागी विधायकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ‘सामना’ में कहा गया है कि शिवसेना के बागी विधायक 50-50 करोड़ रुपये में बिके हैं। ये लोकतंत्र के लिए कलंक है। साथ ही कहा गया है कि महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक ड्रामे की असली सूत्रधार बीजेपी ही है।
बागी विधायकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ‘सामना’ के सोमवार के एडिशन में कहा गया है कि शिवसेना के बागी विधायक 50-50 करोड़ रुपये में बिके हैं। ये लोकतंत्र के लिए कलंक है। इसके साथ ही बीजेपी पर भी जोरदार हमला बोला है।
आखिरकार, गुवाहाटी प्रकरण में बीजेपी की धोती खुल गई। शिवसेना विधायकों की बगावत उनका अंदरुनी मामला है, ऐसा ये लोग दिनदहाड़े कह रहे थे। परंतु कहा जा रहा है कि वडोदरा में देवेंद्र फडणवीस और एकदास शिंदे की अंधेरे में गुप्त मीटिंग हुई। उस मुलाकात में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल थे। उसके बाद फौरन ही 15 बागी विधायकों को केंद्र सरकार की ओर से ‘वाई’ श्रेणी की विशेष सुरक्षा प्रदान करने का आदेश जारी किया गया।’
15 विधायक मतलब मानो लोकतंत्र, आजादी के रखवाले हैं। इसलिए इनके बालों को भी नुकसान नहीं पहुंचने देंगे, ऐसा केंद्र को लगता है क्या? असल में ये लोग 50-50 करोड़ रुपयों में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं। ये लोकतंत्र को लगा कलंक ही है। उस कलंक को सुरक्षित रखने के लिए ये क्या उठापटक है? इन विधायकों को मुंबई-महाराष्ट्र में आने में डर लग रहा है या ये कैदी विधायक मुंबई में उतरते ही फिर से कूदकर अपने घर भाग जाएंगे। ऐसी चिंता होने के कारण उन्हें सरकारी केंद्रीय सुरक्षा की ओर से बंदी बनाया गया है। यही सवाल है। लेकिन इतना तय है कि महाराष्ट्र के सियासी लोकनाट्य में केंद्र की डफली, तंबूरे वाले कूद पड़े हैं और राज्य के ‘नचनिये’ विधायक उनकी ताल पर नाच रहे हैं।’
ये नचनिये लोग वहां गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में अपने महाराष्ट्र द्रोह का प्रदर्शन पूरे देश और दुनिया को करा रहे हैं। अब इस ‘पारंपरिक’ ड्रामे के सू्त्रधार और निर्देशक निश्चित तौर पर कौन है, इसका खुलासा हो ही गया है। केंद्र और महाराष्ट्र की बीजेपी ने ही इन नचनियों को उकसाया है। उनकी नौटंकी का मंच उन्होंने ही बनाया और सजाया है ओर कथा-पटकथा भी बीजेपी ने ही लिखी है यह अब छिपा नहीं रह गया है।