Twin Tower Demolition : रितु महेश्वरी ने पूछा- आसपास की इमारतों को हुए नुकसान की जांच क्यों नहीं करवा रहा सुपरटेक बिल्डर
नोएडा, रफ्तार टुडे। ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद बचे कामों को पूरा करने के लिए बुधवार को नोएडा प्राधिकरण में समीक्षा बैठक हुई। अब तक स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू नहीं करवाने पर सुपरटेक बिल्डर से सवाल पूछा गया। बिल्डर को निर्देश दिया कि 28 सितंबर तक स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इसके अलावा मलबे के चारों तरफ स्कॉफ होल्डिंग से 10 मीटर ऊंची बैरिकेडिंग का काम 15 सितंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। एडीफाइस को यह काम करना है। इन बैरिकेडिंग के बीच से धूल उड़ने से रोकने के लिए जिओ फाईबर क्लॉथ की दो लेयर लगाई जाएंगी।
बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने की। स्ट्रक्चरल ऑडिट टि्वन टावर के 50 मीटर के दायरे की इमारतों का किया जाना है। इससे यह स्पष्ट होगा कि टावर ढहाने और ब्लास्ट से आस-पास की इमारतों की मजबूती पर कोई असर पड़ा है या नहीं। बैठक में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी की आरडब्ल्यूए और एटीएस सोसायटी की एओए को भी बुलाया गया था।
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया ने मांग रखी कि जब बिल्डर अपनी एजेंसी से स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू करवाए तो हमें सूचना दी जाए। आरडब्ल्यूए अपना एक इंजीनियर एजेंसी के साथ लगाएगी।
बिल्डर प्रतिनिधियों ने अगले 3-4 दिन में स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू करवाने की बात कही है। आरडब्ल्यूए ने बैठक में मांग उठाई कि मलबा छंटनी का काम चल रहा है, इससे धूल उड़ती है। धूल रोकने के लिए मलबे के आस-पास एंटी स्मॉग गन लगवाई जाएं।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने कहा कि कंक्रीट के 150 से 200 एमएम बड़े टुकड़े करते समय वॉटर स्प्रिंकलर्स का उपयोग किया जाए। सीईओ ने निर्देश दिया कि गुरुवार से मौके पर कम से कम एक एंटी स्मॉग गन की व्यवस्था की जाए। नौ मीटर रास्ता बनाने के संबंध में तय हुआ कि सुझाए गए दो विकल्पों पर राय लेकर काम शुरू कराया जाएगा।
इसमें यह भी ध्यान रखा जाएगा कि फायर टेंडर निकल सकें। इस पैसेज की बीयरिग कैपेसिटी 45 टन रखी जाएगी। बैठक में एडीफाइस एजेंसी की ओर से बताया गया कि एटीएस और एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में टूट गए शीशों को बदल दिया गया है।
आरडब्ल्यूए की ओर से शिकायत की गई कि मौके पर मशीनें चलने से काफी शोर होता है। इससे लोगों को दिक्कत हो रही है। इसको देखते हुए सीईओ ने गुरुवार से ध्वनि प्रदूषण की रोजाना जांच करने के निर्देश दिए हैं। एडीफाइस एजेंसी के अधिकारियों से कहा कि ध्वनि प्रदूषण अधिक न होने पाए, यह मानकों के अंतर्गत ही रहे। इसके अलावा वायु प्रदूषण की भी लगातार जांच की जाए।
सीईओ ने एडीफाइस एजेंसी को निर्देश दिए कि कंपन मॉनीटीरिंग, विजुअल इन्सपेक्शन और क्रेक गेजेज की रीडिंग से संबंधित पूरी रिपोर्ट 20 सितंबर तक उपलब्ध करवाएं। इसके अलावा एटीएस विलेज सोसाइटी की चारदीवारी के पास गिरे मलबे को 15 सितंबर तक और दीवार बनाने का काम पूरा करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। बैठक में टावर ध्वस्तीकरण का पूरा पैसा एडीफाइस को नहीं मिलने का मामला भी उठा है।सुपरटेक मामले में नियुक्त किए गए आईआरपी से कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में एजेंसी को जल्द पूरा पैसा दे दें।