Big Breaking: नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में दीपावली पर भी दमघोंटू प्रदूषण, जानें यूपी के दूसरे शहरों का हाल
नोएडा, रफ्तार टुडे। उत्तर प्रदेश में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में दीपावली के पहले प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है।
दीपावली पर पटाखों यानी आतिशबाजी के धमाकों की गूंज के बीच उत्तर प्रदेश के बड़े शहर धुआं धुआं नजर आए। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध की हर जगह धज्जियां उड़ती दिखीं। हालांकि लखनऊ, बनारस जैसे शहरों में हवा स्वच्छ दिखी। जबकि कानपुर, मेरठ में भी जहरीली हवा से लोगों को सांस लेना दूभर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की मानें तो आने वाले दिनों में जहरीले कणों PM 2.5 और PM10 का स्तर और बढ़ सकता है. इससे दिल्ली-एनसीआर में AQI Level और बढ़ेगा।
ग्रेटर नोएडा – (Greater Noida Pollution)
नॉलेज पार्क: 252
नॉलेज पार्क5 : 259
नोएडा (Noida Air Pollution)
सेक्टर 125 :249
सेक्टर 62 :308
सेक्टर 1 :294
सेक्टर 116 : 322
रोशनी के त्योहार के पहले 23 अक्टूबर को भी हवा की गुणवत्ता खराब हो चुकी थी। ये गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी थी। राजधानी दिल्ली ही नहीं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में भी वायु गुणवत्ता सर्दियां शुरू होने के पहले ही खराब हो चुकी थी। इन शहरों में एयर पॉल्यूशन 250 से 300 के बीच पहुंच गई थी।
पटाखा फोड़ने के अलावा सर्दी में हवा में बढ़ती आर्द्रता, पराली जलाने और हवा में ठहराव की वजह से भी प्रदूषण बढ़ा है। लिहजा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) ने जिला अधिकारियों को 48 घंटे के भीतर पराली जलाने की घटनाओं की जांच करने और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। आयोग पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 8 NCR जिलों में 15 सितंबर 2022 से अब तक एक महीने के लिए धान का अनुप्रयुक्त हिस्सा जलाने की घटनाओं की निगरानी कर रहा है।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल पराली में आग की संख्या में कमी देखी गई है.मशीनरी के इस्तेमाल खासतौर पर हॉटस्पॉट क्षेत्रों के लिए उठाए गए कदमों और किसान संगठनों के साथ बातचीत को लेकर उठाए गए कदमों का कुछ सकारात्मक असर देखा गया है। दिल्ली-एनसीआऱ में ग्रैप प्लान पहले ही लागू है।
एनसीएपी के तहत 132 शहरों की वायु गुणवत्ता सुधार की योजना पेश की गई थी। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (एएमआरयूटी), स्मार्ट सिटी मिशन, सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्डस अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन, फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल-2 आदि से संसाधनों से यह फंड जुटाया जाना है और इसे वायु गुणवत्ता सुधारने के कार्यक्रमों में खर्च किया जा रहा है।