ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। उत्तर भारत में 150 से भी अधिक मामले दर्ज हैं चर्चित माफिया दुजाना के विरुद्ध, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय रहा कुख्यात माफिया अनिल दुजाना एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चर्चा का कारण उसका कोई अपराध नहीं बल्कि अपराध के लिए मिली सजा है। अनिल दुजाना को एक मामले में तीन वर्ष के कारावास की सजा मिलने के बाद उसके कारनामे फिर से सुर्खियां बन रहे हैं। आपको बता दें कि अनिल दुजाना पर एक-दो नहीं उत्तर भारत के अलावा अन्य प्रदेशों में 150 अपराधिक मामले दर्ज हैं।
दादरी क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला अनिल दुजाना किसी जमाने में एक होनहार युवक हुआ करता था। धीरे-धीरे वह कुछ अपराधिक किस्म के युवकों के संपर्क में आया और देखते ही देखते ही वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का वह बड़ा सरगना बन गया। 22 नवंबर 2022 (कल) को खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद की हत्या के आरोप में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को सीजेएम ने 3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दुजाना पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
24 अगस्त 2011 को थाना बादलपुर क्षेत्र के खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के परिजनों ने कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही अनिल दुजाना फरार चल रहा था। इस मामले में न्यायालय के आदेश पर पुलिस पूर्व में धारा-82, 83 के अंतर्गत आरोपी के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी कर चुकी थी। इसके बावजूद भी आरोपी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ।
फरार चलने के कारण गैंगस्टर अनिल दुजाना के खिलाफ धारा-174 ए के तहत थाना बादलपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया। इस मामले की सुनवाई सीजेएम कोर्ट गौतमबुद्धनगर में चल रही थी। अभियोजन अधिकारी महेंद्र सिंह राठौर ने इस मामले में गहन पैरवी की। जिसके आधार पर न्यायालय ने अनिल दुजाना को दोषी ठहराते हुए धारा-174ए के तहत 3 वर्ष के कारावास एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा न करने पर आरोपी को 10 दिनों का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। शातिर गैंगस्टर अनिल दुजाना वर्तमान में जिला कारागार अयोध्या में बंद है। अनिल दुजाना पर जनपद गौतमबुद्धनगर सहित विभिन्न राज्यों में हत्या, लूट, रंगदारी आदि के करीब 150 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं।
जिले में कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी एवं अनिल दुजाना का एक दशक पूर्व तक इतना खौफ था कि लोग इनके खिलाफ गवाही देना तो दूर मुकदमा दर्ज कराने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते थे। यही कारण रहा कि दोनों गैंगस्टर का आतंक जिले की सीमाओं से बाहर निकलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ता चला गया। हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को ग्राम प्रधान की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अब न्यायालय ने कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को भी सजा सुना दी है।
गैंगस्टर अनिल दुजाना मूल रूप से थाना बादलपुर क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला है। अनिल दुजाना ने वर्ष 2002 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था जिसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक जघन्य अपराधों को अंजाम देता चला गया।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल दुजाना वर्ष 2002 में नोएडा के थाना सेक्टर 20 से आम्र्स एक्ट में जेल गया। जेल में शातिर बदमाशों की सरपरस्ती में उसने बदमाशी के गुर सीखे। जमानत पर बाहर आने के बाद अनिल दुजाना ने अपना गैंग बनाकर लूट, हत्या व फिरौती की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। रंगदारी ना देने पर अनिल दुजाना के साथ शूटर किसी पर भी जानलेवा हमला कर उसे मौत के घाट उतार देते थे। कुछ ही समय में अनिल दुजाना अपने आतंक के बल पर माफिया का सिंडिकेट ऑपरेट करने लगा।
अनिल दुजाना के खिलाफ अपराधों की फेरहिस्त खासी लंबी चौड़ी है। उस पर जनपद गौतमबुद्धनगर सहित विभिन्न जनपदों व अन्य राज्यों में लगभग 50 से अधिक मुकदमा पंजीकृत हैं। अनिल दुजाना की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके द्वारा जघन्य वारदातों को अंजाम देने के बाद कोई उसके खिलाफ गवाही तक देने को तैयार नहीं होता था। जिन लोगों ने उसके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत जुटाई उन्हें या तो मौत के घाट उतार दिया गया या उन्हें डरा धमका कर चुप बैठा दिया गया।