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राष्ट्रीय सैनिक संस्था ने दिया युवकों को प्रारंभिक सैनिक प्रशिक्षण

गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। शुक्रवार को नगर के एन टी जाधव फार्म हाउस यवतमाल महाराष्ट्र में राष्ट्रीय सैनिक संस्था की महाराष्ट्र इकाई द्वारा हरीशचंद्र बद्रीनाथ राठौर के नेतृत्व में 350 युवकों को दिए गए प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण का समापन किया गया। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी और मेजर जनरल मोहन लाल असवाल को सलामी दी गई और ऑब्सटेकल कोर्स का डेमो दिया गया।


फार्म हाउस के संस्थापक नरसिंह जाधव ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था के विभिन्न स्थानों से आए देश भक्त नागरिकों और गौरव सेनानियों का अभिनंदन किया। फार्म हाउस में बनी गौशाला का निरीक्षण करवाते हुए कहा कि जैसे नेताजी सुभाष चन्द बोस को साउथ ईस्ट एशिया के लोगों ने दिल खोलकर सहयोग दिया था वैसे ही हम आज राष्ट्रीय सैनिक संस्था को तन मन धन और गन से भरपूर सहयोग देने की घोषणा करते है।


इस अवसर पर प्रारम्भिक सैनिक प्रशिक्षण प्राप्त युवकों ने अपने अपने करतब दिखलाये और आपदा प्रबंधन की ड्रिल्स बताई। सार्वजनिक स्थानों पर गुड मॉर्निंग, सतश्री आकाल, आदाब अर्ज, नमस्ते के स्थान पर जय हिन्द बोलने व बुलवाने का संकल्प लिया।
राष्ट्रीय सैनिक संस्था की राष्ट्रीय प्रशासनिक काउंसिल के सदस्य ब्रिगेडियर सुनील गाउपांडे ने बताया कि कल रात यहाँ तेज हवाओं ने पूरा टैंट उखाड़ दिया था, उस समय इन्हीं युवाओं ने भरपूर जोश और होश के साथ 1000 व्यक्तियों के लिए बनाए गए टैंट को देखते देखते पुनः स्थापित करके जमीनी स्तर पर आपदा प्रबंधन को सार्थक करके दिखाया है।


अर्बन कॉरपोरेट बैंक के चैयरमेन अजय मूनधारा और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ बी ई राठौर, महाराष्ट्र युवा विंग के अध्यक्ष पंकज असाटी, राष्ट्रीय सैनिक संस्था की राष्ट्रीय सलाहकार कु. संगीता यादव और मेजर जनरल मोहन लाल असवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


हरीश चंद बद्रीनाथ राठौर ने आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देश मे एनडीआरएफ बनने से पहले ही देना प्रारंभ कर दिया था और आज इस क्षेत्र से सभी विधायकों और सांसदों ने अपनी निधि का कुछ हिस्सा यवतमाल के जिलाधिकारी के द्वारा प्रशिक्षण के लिए देना सुनिश्चित कर दिया है। राष्ट्रीय सैनिक संस्था की इसी टीम ने केदार नाथ त्रासदी मे रेस्क्यू और रिलीफ़ ऑपरेशन मे भाग लिया था। आश्चर्य की बात यह है की राष्ट्रीय सैनिक संस्था ने पुरुषों की संख्या तो बढ़ ही रही है परंतु महिलाओ की संख्या पुरुषों से भी अधिक बढ़ रही है।

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