ऐसे में AOA बोर्ड मेंबर्स ने इसका पेंट करवाने का फैसला लिया, उसके लिए तीन जनरल बॉडी मीटिंग(GBM) भी रखी गई जिसमें एओए के अलावा फ्लैट ओनर्स को भी शामिल किया गया, आखिरी बोर्ड मीटिंग मार्च महीने में हुई थी।
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West) की बड़ी और पुरानी सोसायटी में से एक है गौड़ सिटी(Gaur City2) जहां इन दिनों जमकर बवाल मचा हुआ है। विवाद 4th एवेन्यू सोसायटी में पेंट करवाने को लेकर है। अब उसकी वजह भी जान लीजिए। निवासियों का आरोप है कि अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) ने बिना उनकी सहमति के एक पेंट वेंडर को 92 लाख रुपये में ठेका देने का फैसला किया है। साथ ही पेंटिंग और मरम्मत के दौरान किसी भी तरह के सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज कर दिया गया है। आरोप ये भी है कि मीटर से बिना सहमति के पैसे भी काट लिए जा रहे हैं।
पूरे मामले पर रफ़्तार टुडे की टीम ने सोसायटी के AOA से बात की तो उन्होंने दूध का दूध..पानी का पानी अलग कर दिया। अजय सिंह का कहना है कि सोसायटी की कई बिल्डिंग की हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। ऐसे में AOA बोर्ड मेंबर्स ने इसका पेंट करवाने का फैसला लिया। उसके लिए तीन जनरल बॉडी मीटिंग(GBM) भी रखी गई जिसमें एओए के अलावा फ्लैट ओनर्स को भी शामिल किया गया। आखिरी बोर्ड मीटिंग मार्च महीने में हुई थी।
फ्लैट ओनर्स की सहमति के बाद ही सोसायटी को पेंट करवाने का फैसला लिया और इसके लिए अलग अलग कोटेशन भी मंगवाए गए। जो टेंडर फाइनल हुआ वो 78 लाख का था टैक्स मिलाकर वो 92 लाख का हुआ। लोगों को सोसायटी के पेंट संबंधित जानकारी एक महीने पहले दे दी गई थी। हमने यूपी अपार्टमेंट एक्ट का पूरा पालन किया गया।
फ्लैट खरीदारों को पेमेंट के लिए 3 विकल्प दिए गए जिसमें ऑनलाइन, दूसरा चेक और सबसे आखिरी मीटर से भुगतान शामिल था। जिसमें फ्लैट ऑनर्स पहले ही सहमति जता चुके थे। फ्लैट साइज के हिसाब से 12638-18692 रुपए जिसमें GST संलग्न है तक की राशि निर्धारित की गई। 70% लोगों ने इसका भुगतान भी कर दिया है। लेकिन कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। क्योंकि कुछ समय बाद ही सोसायटी में एओए का चुनाव होना है।
जब रफ्तार टुडे ने पूछा कि पेंट करवाने की जिम्मेदारी तो बिल्डर की है तो एओए क्यों पेंट करवा रहा है। इस बात पर भी AOA ने सहमति भरी। उन्होंने कहा कि जो पूर्व में एओए थे ..उन्होंने ना जाने हैंडओवर की इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई।
सोसायटी के निवासियों का ये भी आरोप है कि पूर्व अध्यक्ष ने बिना किसी MOT के हैंडओवर लेने की जल्दबाजी दिखाई। अगर उसी समय बिल्डर से ये काम करवा लिया होता तो आज जेब से पैसे नहीं कटते। जबकि प्रावधान तो यही कहता है कि हैंडओवर लेने से पहले पेंट और बाकी चीजों की जिम्मेदारी बिल्डर की होती है। अगर उन्होंने उस समय जल्दबाजी नहीं दिखाई होती तो आज ये दिन नहीं देखने होते और लोगों की जेब से पैसा भी नहीं जाता।