ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, मेंटेंनस डिपार्टमेंट और बिल्डर को पहले से ही कई बार इसकी शिकायत कर चुके है लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट रफ़्तार टुडे। ग्राउंड फ्लोर से 10th फ्लोर पर घर आने के दौरान ये घटना घटी है। इस दौरान लिफ्ट में लगे इमरजेंसी नम्बरों से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इससे पहले भी सोसाइटी में ऐसी घटनाएं कई बार घटित हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, मेंटेंनस डिपार्टमेंट और बिल्डर को पहले से ही कई बार इसकी शिकायत कर चुके है लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज सोसायटियों में लगातार लिफ्ट रुकने और गिरने के मामले सामने आ रहे है। हाईटेक सिटी होने के वाबजूद नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हाउसिंग सोसायटी में आए दिन लिफ्ट खराब होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लाखों-लाख रुपए खर्च कर अपने सपनों का आशियाना तो खरीदा लेकिन अब लोगों को रोजमर्रा की मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। यहां की सोसायटियों में आए दिन लिफ्ट खराब होने की घटनाएं आम हो गई हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक हाउसिंग सोसाइटी से सामने आया है। सोसाइटी में पावर बैकअप की सुविधा नहीं होने की वजह से एक टॉवर की लिफ्ट में 20 मिनट तक बुजुर्ग महिला और बच्ची लिफ्ट में फंसी रही। अचानक लाइट जाने की वजह से लिफ्ट बन्द हो गयी थी। पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं थी। सोसाइटी निवासियों में डर का माहौल बना हुआ है। कहीं किसी दिन पारस टियरा जैसी कोई बड़ी घटना न घटित हो जाए।
अडेला सोसायटी में के टावर में बुधवार रात करीब 7:25 मिनट पर अचानक लिफ्ट बन्द हो गयी। अचानक लाइट जाने के कारण से करीब 15-20 मिनट लिफ्ट रुक गई। पावर बैकअप की व्यवस्था नही होने की वजह से के टावर की लिफ्ट में 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला और एक 6 वर्षीय बच्ची फंसी रही। इस दौरान बच्ची और महिला बहुत डर गई। सोसाइटी निवासी रूपेश पांडेय ने बताया कि जब मेरी बुजुर्ग मां और मेरी 6 साल की भतीजी स्थानीय मेडिकल स्टोर से वापस आ रही थीं, तो वे बी-1 फ्लोर पर यात्री लिफ्ट में फंस गईं। जब वे ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचीं, तो लगभग 5 मिनट की पावर आउटेज हुई जो कि यूपीपीसीएल की ओर से हुई। पावर बहाल होने के बावजूद, मेरी मां और भतीजी वाली लिफ्ट ने काम नहीं किया, जबकि अन्य लिफ्टें चल रही थीं।
मेरी बेटी, जो सीढ़ियों का उपयोग कर रही थी, ने उनकी मदद की पुकार सुनी और 10वें फ्लोर पर मुझे सूचित करने के लिए दौड़ी। जब तक मैं सीढ़ियों का उपयोग करके बी-1 पर पहुंचा, तब तक सुरक्षा गार्ड ने लगभग 15-20 मिनट बाद लिफ्ट के दरवाजों को मैन्युअल रूप से खोला था। चौंकाने वाली बात यह थी कि प्रभावित लिफ्ट में अभी भी पावर नहीं थी, जबकि मुख्य पावर बहाल हो चुका था और अन्य लिफ्टें चल रही थीं। रक्षा अडेला सोसाइटी निवासी रूपेश पांडेय ने आगे बताया कि यह लिफ्ट पिछले 1-2 महीनों से खराब हो रही है, जिसमें कोई कार्यशील स्वचालित बचाव उपकरण {ARD} नहीं है। हर बार पावर आउटेज होने पर, मुख्य पावर बहाल होने के बाद कम से कम मिनटों तक लिफ्ट में कोई पावर नहीं होता, जिससे कोई भी फंसा हुआ व्यक्ति बंद दरवाजों पर बेबस होकर दस्तक देता रहता है।
रक्षा अडेला के सुविधा प्रबंधक राकेश सेठी, ने तुरंत दृश्य को छोड़ दिया और फॉलो-अप को सोसाइटी के लिफ्ट तकनीशियन को सौंप दिया। शिंडलर इंजीनियरों के आगमन पर, सोसाइटी तकनीशियन ने उन्हें संक्षेप में मुझसे मिलवाया और फिर गायब हो गए, जो गंभीर गैर जिम्मेदारी को प्रदर्शित करता है। इंजीनियरों ने पाया कि लिफ्ट इन्वर्टर लंबे समय से कार्यशील नहीं था। उनका अस्थायी समाधान सिस्टम को बाईपास करना था और अगले दिन इस मुद्दे को हल करने की योजना बनाई।