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शहर के लिए खतरा बने होर्डिंग्स और यूनिपोल, अंडरपास से एलिवेटेड रोड तक पर कब्जा, नोएडा व ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बेखबर! अवैध होर्डिंग्स शहर में भी बड़ी तादात में है

सिस्टम ठेंगे पर ! यूनिपोल माफिया के आगे बेबस ग्रेटर नोएडा तथा नोएडा अथॉरिटी, गुंडे कमा रहे करोड़ों, प्राधिकरण के पल्ले कुछ नहीं

सिस्टम ठेंगे पर ! यूनिपोल माफिया के आगे बेबस ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, गुंडे कमा रहे करोड़ों, प्राधिकरण के पल्ले कुछ नहीं

ग्रेटर नोएडा, नोएडा, रफ़्तार टुडे। शहर की सड़कें यूनिपोल माफिया की गिरफ्त में हैं। जहां देखो होर्डिंग्स और यूनिपोल खड़े हैं। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पिछले तीन सालों से केवल नोटिस और आरसी जारी करके खानापूर्ति कर लेती है। दूसरी ओर यूनिपोल माफिया हर महीने करोड़ों रुपये की उगाही कर रहा है। अथॉरिटी के पल्ले कुछ नहीं आ रहा है। सोमवार को प्राधिकरण ने शहर की करीब 50 कम्पनियों, बिल्डरों, संस्थाओं और स्कूलों के होल्डिंग व यूनिपोल लगे हैं।

क्विंटलों वजनी होर्डिंग्स और डिस्प्ले शहर की तकरीबन हर सड़क और गली में आसानी से देखने को मिल जाती है। फाइलों में इनकी गिनती की बात करें तो इनकी संख्या केवल 40 है। प्रचार माफिया ने अंडरपास और एलिवेटेड रोड तक को नहीं छोड़ा है। हैरत की बात यह है कि यह सब अथॉरिटी के सामने हो रहा है, लेकिन अथॉरिटी इन पर कार्रवाई नहीं कर रही है।

देश की राजधानी हमसे चंद किमी की दूरी पर है। वहीं फाइलों में इनकी गिनती की बात करें तो इनकी संख्या केवल 40 है। प्रचार माफिया ने अंडरपास और एलिवेटेड रोड तक को नहीं छोड़ा है। हैरत की बात यह है कि यह सब अथॉरिटी के सामने हो रहा है, लेकिन अथॉरिटी इन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। देखने वाली बात यह है कि घाटकोपर में हुए हादसे के बाद भी अथॉरिटी अब तक नहीं चेती है।



शहर के लिए खतरा बने होर्डिंग्स और यूनिपोल, अंडरपास से एलिवेटेड रोड तक पर कब्जा, नोएडा अथॉरिटी बेखबर!
अवैध होर्डिंग्स शहर में भी बड़ी तादात में है। प्रचार माफिया ने अंडरपास और एलिवेटेड रोड तक को नहीं छोड़ा है। हैरत की बात यह है कि यह सब अथॉरिटी के सामने हो रहा है, लेकिन अथॉरिटी इन पर कार्रवाई नहीं कर रही है।

अवैध होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 74 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस तरह के अवैध होर्डिंग्स शहर में भी बड़ी तादात में है। क्विंटलों वजनी होर्डिंग्स और डिस्प्ले शहर की तकरीबन हर सड़क और गली में आसानी से देखने को मिल जाती है। यह स्थिति तब है जब देश की राजधानी हमसे चंद किमी की दूरी पर है। वहीं फाइलों में इनकी गिनती की बात करें तो इनकी संख्या केवल 40 है। प्रचार माफिया ने अंडरपास और एलिवेटेड रोड तक को नहीं छोड़ा है। हैरत की बात यह है कि यह सब अथॉरिटी के सामने हो रहा है, लेकिन अथॉरिटी इन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। देखने वाली बात यह है कि घाटकोपर में हुए हादसे के बाद भी अथॉरिटी अब तक नहीं चेती है।


इन सेक्टरों और सड़कों पर अधिक खतरा

  • डीएनडी से लेकर डीएनडी लूप तक कई यूलिपोल लगे हैं। यह यूनिपोल डिवाइडर व सेंट्रल वर्ज पर लगाए गए हैं। कभी अगर गिरे तो बड़े हादसे का कारण बनेंगे।
  • सेक्टर-16 रजनीगंधा के पास सड़क पर बड़ा होर्डिंग लगा है।
  • सेक्टर-21 नोएडा स्टेडियम चौराहे के पास लगा यूनिपोल सड़क पर झुका हुआ है।
  • सेक्टर-18 अंडरपास, सेक्टर-16 अंडरपास समेत अन्य अंडरपास भी विज्ञापन माफियाओं के कब्जे में हैं। इन पर कई होर्डिंग टंगे नजर आते हैं।

फाइलों में केवल 40, लेकिन शहर में भरे पड़े हैं यूनिपोल
नोएडा अथॉरिटी ने शहर में प्रचार के लिए यूनिपोल लगाने की मंजूरी देने पर 4 साल से रोक लगाई हुई है। कारण सड़क पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा है। सिर्फ बीओटी के आधार पर जो पब्लिक टॉयलट बनते हैं और अगर वो सड़क से हटकर हैं तो उनके बदले में अथॉरिटी यूनिपोल लगवाने की मंजूरी विज्ञापन एजेंसियों को देती है। ऐसे करीब 40 यूनिपोल नोएडा अथॉरिटी के क्षेत्र में हैं। वहीं दूसरी तरफ शहर में हर तरफ यूनिपोल नजर आते हैं। छोटे-छोटे फ्लैक्स बढ़ते जा रहे हैं।

2 मई 2022 – सेक्टर-62 मॉडल टाउन अंडरपास के आगे गाजियाबाद जाने वाली सड़क पर यूनिपोल कार पर गिर गया था। गनीमत यह रही थी कि कार में पीछे की सीट पर सवारियां नहीं बैठी थीं। अथॉरिटी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि यूनिपोल नोएडा एरिया में नहीं था।

बिसरख और किसान चौक के बीच में होर्डिंग गिरने से जैबुनिशा (42) की मौत हो गई थी। उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यहां पर दो दिन अभियान चलाकर कई होर्डिंग हटवाए थे। लेकिन फिर वही स्थिति हो गई।

2016 – सेक्टर-18 में डीएलएफ मॉल के गेट नंबर-6 के सामने लगा भारी-भरकम होर्डिंग पोल गिरा था। इसकी चपेट में कार और बाइक आई थी। बाइक सवार युवक की मौत हो गई थी। मृतक की पहचान गोपालगंज (बिहार) निवासी मुन्ना कुमार के रूप में हुई थी। मुन्ना फरीदाबाद में रह रहे थे। बाइक चला रहे युवक पुष्पेंद्र के सिर में भी चोट लगी थी। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर सेक्टर-20 थाने में केस दर्ज हुआ था।

2015 – आई आंधी में यूनिपोल गिरने से एक शख्स की मौत हो गई थी। यह यूनिपोल गौड़ सिटी गोलचक्कर (किसान चौक) पर लगा था। सड़क किनारे ऑटो का इंतजार कर रहे संदीप (25) की इस हादसे में मौके पर ही मौत हो गई थी। संदीप बुलंदशहर के थे और एक कंपनी में इलेक्ट्रिशन थे। यूनिपोल एक बिल्डर का था, जिसकी अथॉरिटी से परमिशन नहीं ली गई थी। मृतक के चाचा ललित ने मामले की रिपोर्ट बिसरख कोतवाली में दर्ज कराई थी। उस वक्त अथॉरिटी ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा एरिया के अवैध यूनिपोल के खिलाफ अभियान चलाया था। फिर वही स्थिति हो गई है।

नोएडा अथॉरिटी के जीएम आर.पी. सिंह ने बताया कि शहर में जो भी होर्डिंग और यूनिपोल जो भी एजेंसी लगाती हैं उनसे स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी का सर्टिफिकेट प्रति वर्ष लिया जाता है। इसके साथ ही मजबूती की निगरानी भी की जाती है।

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