Noida News: M3M बिल्डर की बड़ी खबर, नोएडा में तगड़ा झटका, सरकार ने लैंड एलोमेंट कैंसिल किया, लग्जरी प्रोजेक्ट हुआ ठप
M3M बिल्डर को शासन उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से बड़ा झटका लगा है। M3M बिल्डर्स के 2 कामर्शियल प्रोजेक्टों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है।
नोएडा, रफ़्तार टुडे। M3M बिल्डर को शासन उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से बड़ा झटका लगा है। M3M बिल्डर्स के 2 कामर्शियल प्रोजेक्टों का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। शर्तों के उल्लंघन के चलते शासनादेश पर प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने M3M बिल्डर्स के 2 प्रोजेक्टों को आवंटन निरस्त किया गया है। दोनो भूखंडों का आवंटन 1 हजार करोड़ में हुआ था। निरस्तीकरण का लेटर CEO नोएडा अथॉरिटी को भेजा गया है।
सेक्टर 94 में लैविश बिल्डमार्ट प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर 72 स्काई लाइन प्रॉपकन प्राइवेट लिमिटेड का आवंटन निरस्त किया गया है। महज 5 लाख ज्यादा की बोली लगाकर आवंटन हासिल किया गया था।
नोएडा गुड़गांव समेत पूरे दिल्ली एनसीआर के मशहूर बिल्डर को नोएडा में तगड़ा झटका लगा है। गुड़गांव में आवंटन रद्द करने के बाद अब सरकार ने M3M समूह की सहायक कंपनी लविश बिल्डमार्ट (Lavish Buildmart) और स्काईलाइन पॉपकॉर्न (Skyline Popcorn) का नोएडा में आवंटन रद्द कर दिया है। प्रदेश सरकार का कहना है कि यह जमीन गैर प्रतिस्पर्धा दर पर खरीदी जा रही थी। M3M एनसीआर में इन दिनों प्रीमियम या लक्जरी हाउसिंग (Luxury Housing) का हब बन रहा है। लक्जरी हाउसिंग में एम3एम कंपनी ने गुड़गांव में कई अच्छे प्रोजेक्ट लॉन्च और डिलीवर किए हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले से M3M को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते गुड़गांव की रियल एस्टेट कंपनी एम3एम की सहायक कंपनियों के स्वामित्व वाले नोएडा सेक्टर-72 और 94 में दो भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है। प्लॉट कैंसिलेशन का आधार पर जमीन की “गैर-प्रतिस्पर्धी दर” है। डेवलपर ने जमीन लेते वक्त कुछ आवश्यकताओं requirements को भी पूरा नहीं किया था। जानकारी के मुताबिक, m3m बिल्डर की सहायक कंपनी लविश बिल्डमार्ट ने नवंबर 2022 में सेक्टर-94 में 827.4 करोड़ रुपए का एक प्लॉट आवंटन किया गया था। जबकि स्काईलाइन पॉपकॉर्न को पिछले साल फरवरी में सेक्टर-72 में 176.5 करोड़ रुपए का प्लॉट आवंटित किया गया
यूपी सरकार ने आदेश में क्या कहा
प्रमुख सचिव के आदेश में कहा गया था कि दोनों भूखंड एक ही रियल्टर को गैर-प्रतिस्पर्धी दरों पर आवंटित किए गए थे। आदेश में कहा गया है, “दोनों मामलों में, बोली आरक्षित मूल्य (सेक्टर 94 में 827.35 करोड़ रुपये और सेक्टर 72 में 176.48 करोड़ रुपये) से केवल 5 प्रोजेक्ट में बोली लगी थी।