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New Noida News: ग्रेटर नोएडा के इस गांव पर मंडराया पानी का बड़ा संकट, पानी के लिए तरसे लोग? नहीं हुए सुधार तो बूंद-बूंद को तरसेंगे लोग! गर्मी से आदमी हो रहा पानी-पानी

जल संकट का ताजा उदाहरण दादरी के चिटेहरा गांव में भी पैर पसार रहा है। गांव में कई लोगों के लगभग 120 130 फीट पर लगे सबमर्सिबल पंप बंद हो गए हैं। कम गहराई पर लगी नलों ने पानी देना बंद कर दिया है। ग्रेटर नोएडा के चिटेहरा गांव मंडराया पानी का बड़ा संकट। पानी के लिए तरसे लोग?

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा के इस गांव में भीषण गर्मी के बीच तेजी से बढ़ता हुआ जलसंकट विकराल रूप धारण कर रहा है। ग्रेटर नोएडा के चिटेहरा गांव मंडराया पानी का बड़ा संकट। पानी के लिए तरसे लोग? नहीं हुए सुधार तो बूंद-बूंद को तरसेंगे लोग! गर्मी से आदमी हो रहा पानी-पानी, ग्रेटर नोएडा के दादरी क्षेत्र के चिटेहरा गांव मंडराया पानी का बड़ा संकट, अभी नही सुधरे तो कब सधरोगे?

पानी का सम्मान करो, मत उसका अपमान करो, पानी है जीने के लिये महत्वपूर्ण, पानी की बर्बादी रोके, जल के बिना हमारी जिंदगी कुछ भी नही है इसलिए अपनी सोच समझकर पानी को बर्बाद करने से रोके”

ग्रेटर नोएडा भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है। सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि दिल्ली एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जैसे जिले भी इस संकट की चपेट में आने लगे हैं। कई गांवों में तेजी से जलस्तर घट रहा है। जल संकट का ताजा उदाहरण दादरी के चिटेहरा गांव में भी पैर पसार रहा है। गांव में कई लोगों के लगभग 120 130 फीट पर लगे सबमर्सिबल पंप बंद हो गए हैं। कम गहराई पर लगी नलों ने पानी देना बंद कर दिया है। ग्रेटर नोएडा के चिटेहरा गांव मंडराया पानी का बड़ा संकट। पानी के लिए तरसे लोग?


ग्रेटर नोएडा के पत्रकार ने डाली फेसबुक पर अपील, सोशल मीडिया पर वायरल पानी संकट

दादरी के नजदीक चिटेहरा गांव के निवासी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट करके लोगों को तेजी से बढ़ रहे जल संकट के बारे में सजग किया है। आधा दर्जन पड़ोसियों का 120 व 130 फीट तक पानी खत्म हो गया है। सबमर्सिबल में पानी नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के ऊंचाई पर बसे घरों में यह संकट और भी अधिक है। ग्रामीणों से अपील करते हुए लिखा है कि आप सभी अपने आसपास पानी की बर्बादी रोके। अनावश्यक जल दोहन से पैदा हो रही है समस्या जल संकट की। भीषण गर्मी ने इस समस्या को अधिक बढ़ा दिया है।

पत्रकार की एक अपील सोशल मीडिया पर वायरल

यह कहानी अकेले चिटेहरा गांव की नहीं है यह हालत तो ग्रेटर नोएडा के अधिकतर गांवों की है और ग्रेटर नोएडा के पास पड़ने वाला दादरी शहर और नोएडा भी इससे अछूता नहीं है। अंधाधुंध तरीके से हो रहे जलदोहन के कारण जल संकट की यह कहानी कमोबेश नोएडा और दादरी के हर गांव और शहर में देखने में आ रही है। यदि लगातार हो रहे जल दोहान को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो समाज को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

भविष्य में आने वाली परेशानियों को हमसे कहीं अधिक अच्छी तरह समझते थे। हमने बुजुर्गों से सुना था कि कैसे शहर और गांव में जल के लिए एक कुआं और तालाब होता था। पशुओं के लिए तालाबों का पानी प्रयोग में लाया जाता था। धार्मिक अनुष्ठान में जल का विशेष महत्व है। पानी की बर्बादी पर ईश्वर को इसका हिसाब देना पड़ेंगा। हमारा ज्यादा पानी पशु को नीलाने, गाड़ी धोने, बच्चों के स्विमिंग पूल में, अनावश्यक रूप से जल दोहन से पैदा हो रही है समस्या जल संकट की।

ग्रेटर नोएडा में पानी संकट



जल संरक्षण के लिए बड़ी जिम्मेवारी है। यदि जल संकट अधिक विकराल होता है तो इसका दुष्प्रभाव आज की युवा पीढी को ही झेलना होगा। वह पानी की बर्बादी रोकें। घर पर केवल उतना ही पानी प्रयोग करें जितने की जरूरत है। जल संरक्षण के लिए तकनीकी तथा इलेक्ट्रोनिकस माध्यमों का प्रयोग करके पानी को बर्बाद न करें। बरसात के पानी के संरक्षण के लिए हो सकते तो हर शहर और गांव में सामुहिक रूप से वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने चाहिए।

दादरी क्षेत्र में भू गर्भ जल बेहतर स्थिति में था। दादरी क्षेत्र में भी भूजल पर संकट मंडरा रहा है। चिटेहरा और अन्य गांव में जल संकट के लक्षण बढ़ता जा रहा है। दर्जन भर तालाब और नहर भूमिगत जल के स्तर को बनाए रखने के बेहतर साधन थे। संकट से निपटन के अभी से उपाय नहीं किए गए तो भविष्य में यह समस्या विकराल रूप ले लेगी।

पानी संकट

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