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Greater Noida West: इस पॉश सोसाइटी में भी पानी के लिए लाइन में लगे लोग, शहर के साथ रह ले रहे हैं दिल्ली का मज़ा, अपने गांव जाने को हुए तैयार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर उतरा लोगों का गुस्सा

ग्रेटर नॉएडा वेस्ट, रफ़्तार टुडे। नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत पूरे उत्तर भारत में इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ रही है। तेज गर्मी ने लोगों के हाल बेहाल कर दिए हैं। इसी गर्मी के बीच ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील हाईराइज सोसाइटी (Panchsheel Highrise Society) में पीने के पानी की किल्लत हो गई है। सोसाइटी के निवासी साफ पानी के लिए तरस रहे हैं। लेकिन, रात भर और सुबह से टैंकर चल रहे हैं, इसके बाद भी पानी की सप्लाई (Water Supply) लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। जिसके कारण से लोग बाल्टी लेकर सड़कों पर खड़े नजर आ रहे हैं। नहाना तो छोड़ो लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है।

पानी की समस्या को लेकर निवासियों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने पानी सप्लाई के लिए जोन बनाए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के जोन 6, 7, और 8 में टेंडर खुले हुए तीन महीने से भी ज्यादा समय हो रहे हैं, लेकिन अभी तक ठेकेदार को काम नहीं सौंपा गया है। यह देरी प्राधिकरण के जनरल मैनेजर से लेकर मैनेजर तक के अधिकारियों की तरफ से की जा रही है।

प्राधिकरण के सूत्रों से जानकारी मिली है कि उनके पास केवल 6 टैंकर हैं। इनमें से एक टैंकर प्राधिकरण ऑफिस पर धरना दे रहे किसानों को पानी सप्लाई के लिए लगाया गया है, दूसरा बयार सिटी में ACC के कैंप में है। पंचशील सोसायटी में केवल चार टैंकरों से पानी की सप्लाई हो रही है। एक बड़ा सवाल यह भी है कि इन चार टैंकरों में जो डीजल पानी की सप्लाई में खर्च हो रहा है, उसका पैसा कौन देगा। ऐसा लगता है कि प्राधिकरण पर इस तरह से भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अलग से पानी विभाग तो बनाया है, जिसमें जनरल मैनेजर तक तैनात किए गए हैं। लेकिन इसके बाद भी पानी संकट हो रहा है।

पानी के लिए परेशान निवासी

सोसाइटी में रहने वाले लोग बाल्टियों में पानी भरकर लिफ्ट की सहायता से अपने फ्लैट तक लेके जा रहे हैं। गर्मी के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। लोगों का कहना है कि पानी नहीं होने से कपड़ों की धुलाई भी नहीं हो पा रही है, नहाना तो दूर की बात है। कई लोग पानी की समस्या से तंग आकर अपने रिश्तेदारों के यहां या गांव चले गए। बच्चों की स्कूल की छुट्टियां होने के कारण उन्हें भी वहीं भेज दिया गया है। निवासियों में इस स्थिति को लेकर गुस्सा है।

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