Kisan News: ग्रेटर नोएडा में किसानों का हंगामा: कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। सैकड़ों किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों ने कलेक्ट्रेट को घेर लिया और भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है। किसानों की मांग है कि उन्हें 10% प्लॉट और बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।
पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश किया। डीएम दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं धरने पर बैठ गए हैं। ग्रेनो और नोएडा प्राधिकरण से नाराज किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए अड़े हुए हैं।
ज्वाइंट सीपी शिवहरि मीणा की कोशिशें
खुद ज्वाइंट सीपी शिवहरि मीणा किसानों को समझाने में जुटे हैं। कलेक्ट्रेट में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद कई किसान संगठन के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप
किसानों का कहना है कि चार महीने पहले सरकार द्वारा बनाई गई कमिटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। किसानों की 10 प्रतिशत प्लॉट और मुआवजे की मांग को लेकर वे करीब तीन साल से आंदोलन कर रहे हैं। चुनाव से पूर्व एक कमिटी बनाकर धरना समाप्त कराया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
किसान नेताओं को नजरबंद किया गया
प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले कई किसान नेताओं को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। नोएडा में भारतीय किसान यूनियन क्रांति के पदाधिकारियों को भी नजरबंद किया गया। भारतीय किसान यूनियन क्रांति के प्रदेश अध्यक्ष परविंदर यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
व्यापारियों का कर्ज माफ, किसानों का हक नहीं
परविंदर यादव ने कहा कि व्यापारियों का हजारों करोड़ रुपया केंद्र सरकार द्वारा माफ कर दिया गया है, लेकिन किसानों को उनका हक और अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इस अवसर पर विनोद यादव, सुंदर यादव, सौरभ मुखिया, लोकेश पहलवान, विजेंद्र लंबरदार, शेखर लंबरदार, मोहित मुखिया, नरेंद्र यादव, चंदन यादव सहित अन्य यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे।
किसानों की मांगें और प्रशासन की प्रतिक्रिया
किसानों की प्रमुख मांगें 10% प्लॉट और बढ़ा हुआ मुआवजा हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने कई बार वादे किए लेकिन उन्हें कभी पूरा नहीं किया। किसानों का आरोप है कि अफसर और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें सिर्फ ठगा है।
आंदोलन का भविष्य
किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को मनवाकर ही दम लेंगे। प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। किसानों का आंदोलन जारी है और वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं।