ग्रेटर नोएडाउत्तर प्रदेश

Greater Noida News: स्ट्रीट पोलों के टूटे हुए सिंटेक्स बॉक्स की शिकायत पर प्राधिकरण की अनदेखी, शहर में बढ़ रही दुर्घटनाओं की आशंका

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा के स्ट्रीट पोलों के सिंटेक्स बॉक्स टूटे होने की लगातार शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन प्राधिकरण के वरिष्ठ मैनेजर गुरविंदर सिंह और जेई मनोज कुमार द्वारा इस मामले की अनदेखी की जा रही है। कुछ समय पूर्व एसीईओ श्रीमती अन्नपूर्णा गर्ग ने भी सेक्टर का निरीक्षण किया था और उन्होंने सूर्या कंपनी के कर्मचारियों को सिंटेक्स बॉक्स लगाने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद, सूर्या कंपनी के ठेकेदार द्वारा मनमानी से कार्य किए जा रहे हैं, जिससे प्राधिकरण के अधिकारी या तो ठेकेदार से कार्य कराने में असमर्थ हैं या अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत चल रही है।

सूर्या कंपनी की लापरवाही

ग्रेटर नोएडा शहर में सूर्या कंपनी के द्वारा नए सिंटेक्स बॉक्स नहीं लगाए जा रहे हैं, बल्कि केवल टेप लगाकर काम चलाया जा रहा है। यह टेप केवल कटे हुए तारों पर लगाई जाती है, जबकि स्ट्रीट पोलों की पिलंथ भी बहुत ज्यादा टूटी हुई है। इससे आए दिन स्ट्रीट पोलों के गिरने से हादसे होते रहते हैं।

करोड़ों के टेंडर के बावजूद काम में देरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा लाखों-करोड़ों रुपए टेंडर के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं, फिर भी अधिकारी ठेकेदार से कार्य कराने में सक्षम नहीं हैं। इस लापरवाही के चलते शहर के निवासियों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है और उनकी सुरक्षा खतरे में है।

एक्टिव सिटीज़न टीम का बयान

एक्टिव सिटीज़न टीम के हरेन्द्र भाटी ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “हमारी लगातार शिकायतों के बावजूद, प्राधिकरण के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। इस अनदेखी से शहर में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है और हमें तत्काल समाधान की जरूरत है।”

निवासियों की मांग

ग्रेटर नोएडा के निवासियों ने मांग की है कि प्राधिकरण तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर ठेकेदार को नए सिंटेक्स बॉक्स लगाने के लिए मजबूर करें और टूटे हुए स्ट्रीट पोलों की मरम्मत करें। साथ ही, प्राधिकरण को ठेकेदारों के काम की नियमित निगरानी करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न उत्पन्न हों।

निवासियों की इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक होगा, यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल, ग्रेटर नोएडा के नागरिक इस मुद्दे पर प्रशासन की तत्परता और कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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