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Greater Noida News: यमुना अथॉरिटी की जीत, नोएडा के 13 बिल्डरों और 94 संस्थानों को करोड़ों का ब्याज चुकाने का आदेश, गलगोटिया यूनिवर्सिटी, जीएल बजाज, नोएडा इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी… नोएडा के 13 बिल्‍डरों समेत 94 संस्‍थानों को लगी चपत, देना होगा करोड़ों का ब्‍याज

बसपा सरकार के दौरान 2010 से पहले यमुना अथॉरिटी एरिया में किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर बिल्डरों और शिक्षण संस्थानों को आवंटित कर दिया गया था। किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट का रुख किया था, जिसमें कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया। यीडा ने बैंकों से 4000 करोड़ रुपये का लोन लेकर किसानों को यह अतिरिक्त मुआवजा दिया और अब यह राशि ब्याज सहित संस्थानों से वसूली जा रही है।

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने हाई कोर्ट में लंबे समय से चल रहा केस जीत लिया है। अथॉरिटी ने 6 हजार करोड़ रुपये के ब्याज की वसूली के लिए 94 संस्थानों के सभी कार्यों पर रोक लगा दी है। इनमें ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों के 13 बिल्डर और विभिन्न शिक्षण संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों को नोटिस जारी कर पहली किश्त के रूप में कुल बकाया का 25 प्रतिशत भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद ही उनके अथॉरिटी संबंधी काम शुरू हो सकेंगे।

64.7% अतिरिक्त मुआवजे के ब्याज की वसूली

यीडा ने किसानों को दिए गए 64.7 फीसदी के अतिरिक्त मुआवजे के ब्याज को लेकर लंबे समय से चल रही लड़ाई अब जीत ली है। इस निर्णय के अनुसार, अब संस्थानों को ब्याज के साथ बकाया राशि चुकानी होगी। यीडा के मुताबिक, यह बकाया लगभग 6 हजार करोड़ रुपये का है।

हाई कोर्ट का आदेश

हाई कोर्ट के आदेश के बाद यीडा ने इन सभी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों और संस्थानों के कार्यों पर रोक लगा दी है। जल्द ही नोटिस जारी कर प्रत्येक संस्थान से उनकी बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान मांगा जाएगा।

2010 से पहले संस्थानों को आवंटित जमीन

बता दें कि बसपा सरकार के दौरान 2010 से पहले यमुना अथॉरिटी एरिया में किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर बिल्डरों और शिक्षण संस्थानों को आवंटित कर दिया गया था। किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट का रुख किया था, जिसमें कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया। यीडा ने बैंकों से 4000 करोड़ रुपये का लोन लेकर किसानों को यह अतिरिक्त मुआवजा दिया और अब यह राशि ब्याज सहित संस्थानों से वसूली जा रही है।

संस्थानों ने ब्याज भुगतान से किया इनकार

हालांकि, ये संस्थान 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान करने को तैयार थे, लेकिन ब्याज का भुगतान करने से उन्होंने इनकार कर दिया। मामला 2019 में हाई कोर्ट में चला गया और अब कोर्ट ने यीडा के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिससे संस्थानों पर 6 हजार करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

भुगतान न होने तक कार्यों पर रोक

यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट ने यीडा को बड़ी राहत दी है। लगभग 6 हजार करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है, जिसमें 13 बिल्डर, 11 बड़े शिक्षण संस्थान और 70 छोटे शिक्षण संस्थान शामिल हैं। सभी को अगले दो-चार दिनों में नोटिस भेजा जाएगा और 25 प्रतिशत राशि जमा करने के बाद ही उनके कार्य शुरू किए जाएंगे।

बिल्डरों पर बकाया 1458 करोड़ रुपये

यीडा के क्षेत्र में कुल 13 बिल्डरों के प्रोजेक्ट हैं, जिन पर 1458 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

यमुना प्राधिकरण कार्यालय फाइल फोट

बड़े शैक्षणिक संस्थान

कुछ प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों पर बकाया राशि इस प्रकार है:

  • गलगोटिया (मै. शकुंतला एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी): 225 करोड़
  • नोएडा इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी (मै. मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट): 345 करोड़
  • जीएल बजाज: 124 करोड़
  • बाबू बनारसीदास: 116 करोड़
  • शांति एजुकेशन: 152 करोड़
  • त्यागी बिल्डर: 177 करोड़
  • चंद्रकला: 296 करोड़
  • जाइना: 114 करोड़
  • एसके कॉन्टेंट: 143 करोड़

इसके अलावा 72 अन्य छोटे-बड़े संस्थानों पर भी ब्याज की राशि बकाया है।

विवरण में महत्वपूर्ण संस्थान और उनका बकाया

गलगोटिया: गलगोटिया संस्थान को 225 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में देना होगा। गलगोटिया समूह ने पिछले कुछ सालों में बड़ी तेजी से अपनी पहचान बनाई है और अब उन्हें यह बड़ा वित्तीय झटका सहना पड़ेगा।

नोएडा इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी: नोएडा इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी पर 345 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है। यह संस्थान भी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम है और अब इसे अपने वित्तीय योजना में बड़ा बदलाव करना पड़ेगा।

जीएल बजाज: जीएल बजाज पर 124 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

बाबू बनारसीदास: बाबू बनारसीदास संस्थान को 116 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में देने होंगे।

शांति एजुकेशन: शांति एजुकेशन पर 152 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

त्यागी बिल्डर: त्यागी बिल्डर पर 177 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

चंद्रकला: चंद्रकला संस्थान को 296 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में देना होगा।

जाइना: जाइना पर 114 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

एसके कॉन्टेंट: एसके कॉन्टेंट पर 143 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है।

यमुना अथॉरिटी की कार्यवाही

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद यमुना अथॉरिटी ने सभी प्रभावित संस्थानों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले कुछ दिनों में सभी संस्थानों को उनकी बकाया राशि की सूचना भेज दी जाएगी और पहली किश्त के रूप में 25 प्रतिशत राशि जमा करने का निर्देश दिया जाएगा।

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भविष्य की चुनौतियां

हाई कोर्ट का यह आदेश यमुना अथॉरिटी के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है, लेकिन बिल्डरों और शिक्षण संस्थानों के लिए यह बड़ा वित्तीय बोझ बन गया है। इससे उनके प्रोजेक्ट्स और संचालन पर गहरा असर पड़ सकता है।

उपसंहार

यमुना अथॉरिटी की इस जीत से यह साबित हो गया है कि न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना और कोर्ट के आदेशों का सम्मान करना अनिवार्य है। हालांकि, इसके चलते बिल्डरों और शिक्षण संस्थानों को बड़ा वित्तीय झटका लगा है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे यीडा अपने अधिकारों की रक्षा कर पाएगा।

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