Noida News: नोएडा का भूमाफिया महर्षि आश्रम, हजारों करोड़ की अवैध संपत्ति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक नहीं पहुंची भनक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बड़े घोटाले की जानकारी नहीं है। भूमाफिया अजय प्रकाश श्रीवास्तव, जो महर्षि आश्रम का संरक्षक है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का घोर विरोधी है। नागर ने आरोप लगाया है कि अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने किसानों से छल कपट कर भूमि हड़पी है और इस मामले की जांच उपरांत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
नोएडा, रफ़्तार टुडे: उत्तर प्रदेश के हाइटेक शहर नोएडा में भूमाफिया का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां महर्षि आश्रम के नाम से हजारों करोड़ की अवैध संपत्ति खड़ी कर दी गई है। इस अवैध संपत्ति का संचालन अजय प्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में हो रहा है, जो कि महर्षि आश्रम ट्रस्ट की आड़ में बड़ी मात्रा में भूमि कब्जा कर रहा है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय निवासी और पूर्व अध्यक्ष दादरी बार एसोसिएशन, राकेश नागर एडवोकेट ने जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, और अन्य संबंधित अधिकारियों को एक प्रार्थना पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
भूमि कब्जे की कहानी
महर्षि आश्रम ने नोएडा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले राजस्व ग्राम भंगेल बेगमपुर, गेझा तिलपताबाद, सलारपुर खादर, और हाजीपुर में लगभग 3000 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। यह जमीन भोले-भाले किसानों से बेहद कम कीमत पर खरीदी गई थी। इस जमीन पर अवैध रूप से चार दिवारी खड़ी कर दी गई है, जिसके अंदर सरकारी जमीन के बड़े हिस्से पर भी कब्जा कर लिया गया है। यह भी सामने आया है कि महर्षि आश्रम द्वारा आवासीय और व्यावसायिक भूमि को प्राधिकरण की दर से भी अधिक दर पर निजी लोगों को बेचा जा रहा है, और इससे प्राप्त धन को विदेश में भेजा जा रहा है।
प्रशासन की निष्क्रियता
राकेश नागर के अनुसार, तहसील दादरी, सदर, और जेवर के राजस्व रिकॉर्ड की जांच करने पर महर्षि आश्रम के नाम पर भारी मात्रा में अवैध जमीन कब्जा पाया गया है। नोएडा विकास प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार भी यह जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है, लेकिन महर्षि ट्रस्ट ने सीलिंग एक्ट के नियमों से बचने के लिए इसे राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं कराया। नागर ने इस मामले की जांच आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, और एसआईटी से कराने की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नहीं भनक
इस प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बड़े घोटाले की जानकारी नहीं है। भूमाफिया अजय प्रकाश श्रीवास्तव, जो महर्षि आश्रम का संरक्षक है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का घोर विरोधी है। नागर ने आरोप लगाया है कि अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने किसानों से छल कपट कर भूमि हड़पी है और इस मामले की जांच उपरांत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
विस्तृत जांच की मांग
राकेश नागर ने प्रार्थना पत्र में तहसील दादरी के भूलेख रिकॉर्ड और नोएडा विकास प्राधिकरण से संबंधित भूमि के रिकॉर्ड की जांच की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, और राजस्व निरीक्षक की एक संयुक्त टीम गठित कर मौके पर जांच की जाए। इस जांच से महर्षि सेवा समिति द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का पूरा सच सामने आ सकेगा।
जनहित में आवश्यक कार्रवाई
राकेश नागर ने जोर देकर कहा है कि महर्षि आश्रम द्वारा अवैध कब्जे की जांच प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, और एसआईटी से कराई जानी चाहिए। यह जनहित में अत्यंत आवश्यक है ताकि किसानों के साथ हो रहे अन्याय को रोका जा सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके। इस प्रकरण में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की भी भूमिका की जांच होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस बड़े घोटाले में कौन-कौन शामिल है।
भूमाफिया का जाल
महर्षि आश्रम के नाम पर चल रहे इस भूमाफिया साम्राज्य के पीछे अजय प्रकाश श्रीवास्तव का बड़ा नेटवर्क है। यह नेटवर्क न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैला हुआ है। इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य किसानों से जमीन खरीदकर अवैध रूप से कब्जा करना और फिर उसे ऊंची कीमत पर बेचना है। इसके पीछे एक बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी भी छिपी हुई है, जिसमें बड़े पैमाने पर काला धन शामिल है।
किसान विरोधी गतिविधियां
महर्षि आश्रम के भूमाफिया अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने किसानों से छल कपट कर भूमि हड़पी है। किसानों को धोखे में रखकर उनसे जमीन की खरीद की गई और फिर उस पर अवैध कब्जा कर लिया गया। इस पूरे प्रकरण में किसानों को न केवल उनकी जमीन से वंचित किया गया है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचाया गया है। यह भूमाफिया का नेटवर्क किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रहा है और इसे तत्काल रोकने की जरूरत है।
शासन की भूमिका
नोएडा विकास प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता इस पूरे प्रकरण में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। प्रशासन की लापरवाही के चलते ही यह भूमाफिया साम्राज्य फल-फूल रहा है। अब जरूरत है कि शासन इस मामले को गंभीरता से ले और तुरंत कार्रवाई करे ताकि किसानों के हित सुरक्षित रह सकें और भूमाफिया के इस नेटवर्क को तोड़ा जा सके।