Delhi NCR News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट का पर्दाफाश, नामी डॉक्टरों और अस्पतालों पर गिरेगी गाज
नोएडा, रफ़्तार टुडे। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया है। हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक अंतरराष्ट्रीय किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें कई नामी डॉक्टर और बड़े अस्पताल शामिल हैं। इस काले धंधे का पर्दाफाश होने के बाद अब कई डॉक्टरों और अस्पतालों पर गाज गिरने वाली है।
अंतरराष्ट्रीय रैकेट का खुलासा
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जांच के दौरान पाया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई अस्पताल अवैध तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर रहे थे। एक महिला डॉक्टर ने महज दो साल के भीतर 20 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट किए थे। इन अस्पतालों में सेक्टर 62 में फोर्टिस हॉस्पिटल, सेक्टर 128 में जेपी अस्पताल, ग्रेटर नोएडा में यथार्थ अस्पताल, नोएडा एक्सटेंशन में यथार्थ अस्पताल, सेक्टर 26 में अपोलो अस्पताल और सेक्टर 104 में प्राइमा अस्पताल शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता
नोएडा के स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी अस्पतालों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट के आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। अब तक की जांच में यथार्थ अस्पताल की दोनों शाखाओं और प्राइमा अस्पताल में कुल 119 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हो चुके हैं, जिसमें किडनी, लिवर और हृदय प्रत्यारोपण प्रमुख हैं। इस प्रक्रिया में मरीज और अंगदाता के सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच के बाद ही एनओसी जारी की जाती है।
विदेशी मरीजों की भागीदारी
यथार्थ अस्पताल में हुए ट्रांसप्लांट में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और अन्य देशों से मरीज और अंगदाता पहुंचे थे। इस मामले की जांच में यह भी देखा जा रहा है कि इन विदेशी मरीजों और अंगदाताओं की संख्या कितनी थी और वे कैसे यहां तक पहुंचे।
पंजीकरण की अनिवार्यता
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले के अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। अगर कोई डॉक्टर अस्पताल में प्रैक्टिस करता है, तो अस्पताल प्रशासन को इस संबंध में शपथ पत्र देना होता है। डॉ. विजया राजकुमारी के दस्तावेजों की जांच के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अगर उनका पंजीकरण सही नहीं पाया गया, तो यह अस्पताल प्रशासन के लिए बड़ी समस्या बन सकती है।
आगे की कार्रवाई
इस मामले में जांच जारी है और जल्द ही दोषी डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस दोनों ही इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
रफ़्तार टुडे इस मामले पर नजर बनाए हुए है। ताजा अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।