Said – Where the massacre took place, there will be writing the tale of atrocities on the stones by placing the idols of the five; One crore rupees will be spent on the memorial | दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा बोले- किसानों की मूर्ति लगाकर पत्थरों पर लिखेंगे जुल्म की गाथा, ताकि पीढ़ियां याद रखें
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गाजियाबाद32 मिनट पहले
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दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में उसी स्थान पर किसानों के स्मारक बनवाने का ऐलान किया है, जहां 3 अक्टूबर को हिंसा हुई थी। यह ऐलान मंगलवार को तिकुनिया में हुए अंतिम अरदास में किया गया। तिकुनिया में चार किसान और एक पत्रकार का स्मारक बनेगा। किसान आंदोलन के एक साल के भीतर यह तीसरा स्मारक होगा, जिसे बनाने का ऐलान किया गया है। इससे पहले मेरठ और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान स्मारक बनाने की घोषणाएं हो चुकी हैं। तिकुनिया में बनने वाला किसान स्मारक कैसा होगा? वहां क्या-क्या बनाया जाएगा? कितना खर्च होगा…? इस पर ‘दैनिक भास्कर’ ने गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा से बातचीत की।
पढ़िए उन्होंने क्या-क्या कहा?
तिकुनिया में बनने वाले स्मारक में चारों किसान और एक पत्रकार की प्रतिमा की स्थापित की जाएगी।
उसी जगह बनाएंगे स्मारक, जहां यह घटना हुई
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि हम तिकुनिया में लगभग उसी जगह शहीद किसान स्मारक बनाएंगे, जहां पर चार किसानों व एक पत्रकार की शहादत हुई है। इसके लिए हमें करीब डेढ़ से दो एकड़ जमीन चाहिए। जमीन के लिए हम स्थानीय खेत के मालिकों से बातचीत करेंगे। उनसे जमीन खरीदेंगे।
पांचों की मूर्ति लगेगी, पत्थरों पर लिखेंगे सारा वाकया
इस स्थल पर चारों किसान व एक पत्रकार का स्टेच्यू लगाया जाएगा। स्मारक पर जो पत्थर लगेंगे, उन पर यह पूरी घटना काले अक्षरों में अंकित की जाएगी ताकि वहां आने वाले लोग जान सकें कि यहां क्या हुआ था? मनजिंदर सिरसा ने कहा कि जहां कत्लेआम हुआ, वहीं स्मारक बनेगा, ताकि आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी याद रहे कि सरकार ने कैसे जुल्म ढहाया, लेकिन किसान दबे नहीं, डरे नहीं। बल्कि उसको यादगार बनाकर पीढ़ियों के वास्ते स्मारक बनाया।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने कहा है कि यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को सरकार के जुल्म की याद दिलाएगा।
स्मारक पर एक करोड़ खर्च होने का अनुमान
सिरसा ने बताया कि इस पूरे स्मारक पर जमीन से लेकर निर्माण तक करीब एक करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। इसका खर्च दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी उठाएगी। इसके लिए किसी से एक भी रुपया नहीं लिया जाएगा।
यह तस्वीर 6 अप्रैल को गाजीपुर बॉर्डर की है, जब राकेश टिकैत ने प्रतीकात्मक रूप से शहीद स्मारक की स्थापना की थी।
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रतीकात्मक शहीद स्मारक
दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर 6 अप्रैल 2021 को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अस्थायी रूप से प्रतीकात्मक शहीद स्मारक स्थापित किया था। शहीद स्मारक के लिए मेधा पाटकर गुजरात से 800 गांवों की मिट्टी और जल लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंची थीं। इसके अलावा जलियावाला बाग, लालकिला समेत कई ऐतहासिक स्थलों से भी मिट्टी लाई गई थी।
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 17 अप्रैल को यह पोस्टर ट्वीट करके किसान स्मारक मेरठ में बनवाने का ऐलान किया था।
जयंत ने मेरठ में किसान स्मारक बनाने का किया था ऐलान
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 17 अप्रैल 2021 को ट्वीट करके कहा था कि वह किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में स्मारक बनाएंगे। उन्होंने बताया था कि मेरठ में पार्टी कार्यालय के लिए जो जमीन देखी गई थी, उस पर कार्यालय बनाने की बजाय स्मारक बनेगा। हालांकि इस योजना पर अभी तक कोई खास अमल नहीं हो सका है।