- Hindi News
- Local
- Delhi ncr
- Organizing Continuing Medical Education Regarding The Origin And Prevention Of Dengue And Malaria Diseases
नई दिल्ली6 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा कड़कडड़ूमा स्थित आईएमए ईडीबी भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से मंगलवार को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया रोग की उत्पत्ति और रोकथाम के संबंध में सीएमई अर्थात सतत चिकित्सा शिक्षा के लिए सेमीनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्थायी समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पंवार तथा शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र की वार्ड समिति अध्यक्ष हिमांशी पांडेय उपाध्यक्ष बबिता खन्ना, पार्षद संदीप कपूर मौजूद थे।
बता दें सीएमई अर्थात सतत चिकित्सा शिक्षा में तमाम शैक्षिक गतिविधियां शामिल हैं जो ज्ञान, कौशल को बनाए रखने, विकसित करने या बढ़ाने के लिए काम करती हैं, जो एक चिकित्सक को अपनी जनहित में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक हैं। इस कार्यक्रम में आईएमए ईडीबी ने डाॅ. संतोष तोमर को चिकित्सा रत्न अवार्ड भी दिया।
जनता को स्वास्थ्यजनक परिस्थितियां मुहैया करवाना पहली जरूरत
इस मौके पर स्थायी समिति अध्यक्ष ने कहा कि जनता को स्वास्थ्यजनक परिस्थितियां मुहैया करवाना प्राथमिक आवश्यकता है और आज के दौर में हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में नयी चुनौतियों का सामना कर रहे। ऐसे में स्वयं को नयी जानकारियों और नये रिसर्च के बारे में अपडेट रखने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा यह सेमीनार एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है जहां ज्ञान को सांझा कर जन स्वास्थ्य के लिए बेहतर कार्य किया जा सकता है। वहीं वार्ड समिति अध्यक्ष हिमांशी पांडे ने कहा कि पूर्वी निगम स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के लिए नये विचारों एवं सुझावों का स्वागत करता है जिससे जनता के स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर वातारण तैयार किया जा सके।
सेमिनार में डॉक्टरों ने बीमारी के समय एहतियात के बारे में बताया
सीएमए सेमीनार में डाॅ केके जानी ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के बारे में नये अपडेट्स के बारे में विस्तार से बताया तथा डाॅ प्रवीण प्रभाकर ने मच्छर जनित बीमारियों तथा कोविड-19 के बारे में जानकारी सांझा की। सेमीनार में बताया गया कि आमतौर पर डेंगू को इतना खतरनाक बीमारी नहीं माना जाता है।
अगर समय रहते इसका इलाज शुरू किया जाए तो बहुत ही जल्द मरीज ठीक हो जाता है। मगर पहले से मरीज किसी बीमारी का शिकार है या हाल फिलहाल में किसी बीमारी से ठीक हुआ है तो ऐसे स्थिति में मरीज के लिए डेंगू का डंक जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतें जाये।