Noida News: नोएडा के महर्षि महेश योगी आश्रम पर भू-माफियाओं का कब्जा, लेखपाल पर गिरी पहली गाज, बीजेपी के बड़े नामों की जांच की मांग, धर्म की आड़ में अवैध धंधे का पर्दाफाश
माफियाओं का राजनीतिक कनेक्शन, जांच की मांग कथित रूप से इस जमीन पर कब्जे का नेतृत्व एक राजनीतिक दल के नेता और भू-माफिया अजय प्रकाश श्रीवास्तव कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के गठजोड़ ने इस गड़बड़ी को हवा दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग, सीबीआई, और एसआईटी जैसी शीर्ष एजेंसियों से इस घोटाले की जांच की मांग की जा रही है।
नोएडा, रफ़्तार टुडे। नोएडा के महर्षि महेश योगी आश्रम की संपत्ति को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। आरोप है कि नोएडा के हाजीपुर, गेझा, और भंगेल गांवों में स्थित महर्षि आश्रम की कीमती जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है और इसे अवैध रूप से प्लॉटिंग कर बेच रहे हैं। इस अवैध कब्जे को राजनीतिक संरक्षण मिलने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं, जिससे मामला और अधिक गंभीर हो गया है।
माफियाओं का राजनीतिक कनेक्शन, जांच की मांग
कथित रूप से इस जमीन पर कब्जे का नेतृत्व एक राजनीतिक दल के नेता और भू-माफिया अजय प्रकाश श्रीवास्तव कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं और अधिकारियों के गठजोड़ ने इस गड़बड़ी को हवा दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग, सीबीआई, और एसआईटी जैसी शीर्ष एजेंसियों से इस घोटाले की जांच की मांग की जा रही है।
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धर्म और आस्था के नाम पर धंधा
महर्षि महेश योगी आश्रम की धार्मिक जमीन, जहां कभी आस्था और अध्यात्म का केंद्र हुआ करती थी, अब रातों-रात अवैध निर्माण और प्लॉटिंग का अड्डा बन चुकी है। गऊशाला और यज्ञशाला की भूमि पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और आवासीय भूखंड बेचे जा रहे हैं। यह जमीन, जो कभी धार्मिक गतिविधियों और समाज सेवा के लिए जानी जाती थी, अब अवैध रूप से बाजार में बेची जा रही है।
तहसील प्रशासन पर भी लगे गंभीर आरोप
दादरी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राकेश नागर ने खुलासा किया कि इस पूरे प्रकरण में तहसील प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत है। पिछले 45 वर्षों से इस जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है, लेकिन अब स्थिति और गंभीर हो गई है। आरोप है कि लेखपाल मनोज दुबे ने इस घोटाले को छिपाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनके खिलाफ विभागीय जांच की मांग उठाई गई है।
मुख्य सचिव ने दिए जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महर्षि योगी आश्रम की जमीन की फाइल को फिर से खंगालने का आदेश दिया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ जांच करें और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
भूमि घोटाले का इतिहास
साल 2011 में भी इस जमीन को लेकर एक बड़ा विवाद हुआ था, जब नोएडा प्राधिकरण ने इस जमीन का अधिग्रहण करने की कोशिश की थी। तब भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, लेकिन अब वही जमीन अवैध कब्जे और प्लॉटिंग का गढ़ बन चुकी है। धार्मिक आस्था और संपत्ति की इस लूट ने शहरवासियों की नींद उड़ा दी है।
अवैध कब्जे और रातों-रात निर्माण
महर्षि आश्रम की जमीन पर रातों-रात अवैध निर्माण हो रहे हैं। बड़े डंपर रात के समय मिट्टी भरकर लाते हैं और सुबह तक जमीन पूरी तरह पाट दी जाती है। आसपास की जनता ने इस गड़बड़ी पर बार-बार आवाज उठाई, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब जब मामला तूल पकड़ चुका है, तो इसकी जांच की मांग जोर पकड़ रही है।
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