West UP News: सहारनपुर में भाजपा के अंदरूनी कलह का नया अध्याय ने फिर पकड़ी जोर, मंच पर जगह छोड़ पीछे बैठे विधायक ने बढ़ाया विवाद, क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिसौदिया भी हुए असहज, बोले गद्दार कहने वालों के साथ नहीं बैठूंगा
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदरूनी कलह ने सुर्खियां बटोरी हों। इससे पहले भी मेरठ और मुजफ्फरनगर में वरिष्ठ नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल चुका है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कई बार सुलह कराने की कोशिशें की गईं, लेकिन मतभेद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे साफ है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए अंदरूनी एकता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
सहारनपुर, रफ्तार टुडे। भारतीय जनता पार्टी में अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में मेरठ और मुजफ्फरनगर के बाद, अब सहारनपुर में भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। इस बार के घटनाक्रम के केंद्र में रहे भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह सिसौदिया, जो इस पूरे विवाद के साक्षी बने। सहारनपुर में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, मंच पर ना बैठने की विधायक राजीव गुंबर की जिद ने पार्टी के भीतर बढ़ती गुटबाजी को उजागर कर दिया है।
विवाद की जड़: मंच की बजाए पीछे बैठे विधायक, गहराता विवाद
बात तब शुरू हुई जब सतेन्द्र सिंह सिसौदिया ने सहारनपुर में पार्टी की आगामी गतिविधियों को लेकर पत्रकार वार्ता आयोजित की। इस वार्ता में कई वरिष्ठ नेता, जिनमें भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. महेन्द्र सैनी, महानगर अध्यक्ष पुनीत त्यागी, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा और पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी मौजूद थे। वहीं, नगर विधायक राजीव गुंबर जब वहां पहुंचे, तो उन्होंने मंच पर बैठने की बजाय पीछे की पंक्ति में बैठना चुना। क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह सिसौदिया ने उन्हें मंच पर बुलाने की कई बार कोशिश की, लेकिन विधायक ने इसे सिरे से नकार दिया।
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विधायक राजीव गुंबर का जवाब: “गद्दारों के साथ मंच पर नहीं बैठूंगा”
विधायक राजीव गुंबर ने मंच पर बैठने से इंकार करते हुए साफ तौर पर कहा, “जो लोग मुझे सार्वजनिक रूप से गद्दार कहेंगे, उनके साथ मैं मंच पर नहीं बैठूंगा।” यह बयान न सिर्फ हैरान करने वाला था, बल्कि भाजपा के भीतर चल रही तनातनी का भी संकेत था। गौरतलब है कि यह विवाद सहारनपुर लोकसभा चुनाव से जुड़ा है, जहां पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा और नगर विधायक राजीव गुंबर के बीच मतभेद की खाई और गहरी हो गई थी।
पार्टी के अंदरूनी कलह का असर: उपचुनावों पर सवाल
इस घटना ने न सिर्फ भाजपा के अंदरूनी कलह को उजागर किया है, बल्कि पार्टी के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह सिसौदिया की सारी कोशिशों के बावजूद, सहारनपुर भाजपा के भीतर की गुटबाजी को खत्म नहीं किया जा सका। इस पूरे प्रकरण ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भी चिंता में डाल दिया है, खासकर जब उपचुनावों की तैयारी चल रही हो।
मेरठ और मुजफ्फरनगर से भी उठे थे मतभेद
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदरूनी कलह ने सुर्खियां बटोरी हों। इससे पहले भी मेरठ और मुजफ्फरनगर में वरिष्ठ नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल चुका है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कई बार सुलह कराने की कोशिशें की गईं, लेकिन मतभेद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे साफ है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए अंदरूनी एकता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
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