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Ghaziabad News: गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग का बयान, कम वोट और मंत्री पद न मिलने का दर्द या कुछ और?पत्रकारों पर लगातार बयानबाजी क्यों?

कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि गर्ग जी के इन बयानों के पीछे कहीं न कहीं लोकसभा में कम वोट मिलने का मलाल और मंत्री पद न मिलने का दर्द छिपा हो सकता है। उन्होंने जनरल वीके सिंह जी की जीत के रिकॉर्ड को भी नहीं तोड़ पाया, जिससे शायद वे परेशान रहते हैं।सांसद गर्ग जी का बार-बार पत्रकारों को निशाना बनाना न केवल उनकी छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि इससे उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। गाजियाबाद के लोग और खासकर पत्रकार वर्ग, इस बयानबाजी से काफी नाराज हैं।

गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। गाजियाबाद से सांसद अतुल गर्ग इन दिनों चर्चा में हैं, और इसका कारण उनका लोकसभा में दिए गए बयान हैं। गर्ग जी ने अपने बयान में बांग्लादेश पर चर्चा करते हुए गाजियाबाद की राजनीति पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि “गाजियाबाद में जाति और धर्म के नाम पर वोट पड़े हैं, बड़े-बड़े बुद्धिजीवी बिक गए, यहां तक कि पत्रकार भी जाति के आधार पर बंट गए।”

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पत्रकारों पर लगातार बयानबाजी क्यों?

सांसद अतुल गर्ग जी ने उपचुनाव को लेकर भी विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि टिकट ‘बनिए’ या ‘OBC’ को मिलनी चाहिए, जबकि कोई भी यह नहीं कह रहा कि टिकट काम करने वाले को दी जानी चाहिए। सांसद जी की इस बयानबाजी से ऐसा प्रतीत होता है कि वे पत्रकारों को लेकर कुछ ज्यादा ही आक्रामक हो रहे हैं।

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मंत्री पद न मिलने का दर्द?

कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि गर्ग जी के इन बयानों के पीछे कहीं न कहीं लोकसभा में कम वोट मिलने का मलाल और मंत्री पद न मिलने का दर्द छिपा हो सकता है। उन्होंने जनरल वीके सिंह जी की जीत के रिकॉर्ड को भी नहीं तोड़ पाया, जिससे शायद वे परेशान रहते हैं।

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पत्रकारों को निशाना बनाना कितना सही?

सांसद गर्ग जी का बार-बार पत्रकारों को निशाना बनाना न केवल उनकी छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि इससे उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। गाजियाबाद के लोग और खासकर पत्रकार वर्ग, इस बयानबाजी से काफी नाराज हैं।

सांसद अतुल गर्ग को यह समझना होगा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और उन्हें बिना वजह निशाना बनाना उचित नहीं है। जहां तक उनके चुनावी प्रदर्शन की बात है, तो उन्होंने भी काफी वोटों से जीत हासिल की है, फिर भी वे दिल में कुछ मलाल रखे हुए हैं।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज

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