Lucknow BJP News: “लखनऊ में विधान परिषद के सदस्यों ने बेसिक शिक्षा में सुधार की मांगों के लिए अपर मुख्य सचिव से की विस्तृत चर्चा, शिक्षामित्रों, मान्यता और स्थानांतरण नीति पर दिए गए अहम सुझाव”, लखनऊ अपर सचिव से MLC श्री श्रीचंद शर्मा ने की मुलाकात
बैठक के अंत में, अपर मुख्य सचिव एम.के.एस. सुंदरम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे इन सभी मुद्दों पर गहन विचार करेंगे और जल्द से जल्द उचित समाधान प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और शिक्षकों, शिक्षामित्रों, और विद्यार्थियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए निर्णय लिए जाएंगे।
लखनऊ, रफ्तार टुडे: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की बेहतरी को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। विधान परिषद के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें MLC श्रीचंद शर्मा जी एमएलसी, हरि सिंह ढिल्लों एमएलसी, उमेश द्विवेदी एमएलसी, अरुण पाठक एमएलसी, अवनीश सिंह एमएलसी, पवन सिंह चौहान एमएलसी, बाबूलाल तिवारी एमएलसी, और अंगद सिंह एमएलसी शामिल थे, ने लखनऊ में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा एम.के.एस. सुंदरम से मुलाकात की। इस बैठक में बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधारों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और सुझाव प्रस्तुत किए गए।
शिक्षामित्रों की समस्याओं से लेकर मान्यता की प्रक्रिया में तेजी लाने तक, अनेक मुद्दों पर हुई चर्चा
श्री श्रीचंद शर्मा एमएलसी ने बैठक की शुरुआत में शिक्षकों की स्थानांतरण नीति में सुधार की मांग उठाई। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि शिक्षकों के लिए स्थानांतरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि उन्हें अपने गृह क्षेत्र के नजदीकी विद्यालयों में स्थानांतरण का अवसर मिले। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षामित्रों को उनके पास के विद्यालयों में स्थानांतरण का अवसर दिया जाए और उनका मानदेय भी बढ़ाया जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
श्री एमएलसी शर्मा ने इस बात की भी वकालत की कि विद्यालयों में नर्सरी, एल.के.जी., और यू.के.जी. कक्षाओं की मान्यता दी जानी चाहिए, ताकि प्रारंभिक शिक्षा को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने एक ही परिसर में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की कक्षाओं के संचालन की अनुमति देने की भी मांग की। इससे विद्यालयों का संचालन अधिक सुचारू और संगठित हो सकेगा।
अस्थायी मान्यताओं को स्थायी बनाने का मुद्दा भी आया सामने
अस्थायी मान्यता प्राप्त विद्यालयों की स्थिति पर चर्चा करते हुए, एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने जोर दिया कि तीन वर्षों के बाद अस्थायी मान्यताओं को स्वतः स्थायी मान लिया जाए, जिससे विद्यालयों की संचालन में आ रही बाधाएं समाप्त हो सकें और उन्हें अधिक स्थिरता मिल सके। यह कदम उन विद्यालयों के लिए बहुत राहतकारी साबित होगा, जो कई वर्षों से अस्थायी मान्यता के साथ काम कर रहे हैं।
विद्यालयों से जुड़ी घटनाओं में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई पर चिंता व्यक्त
श्री शर्मा ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि विद्यालयों से जुड़ी किसी भी घटना के मामले में बिना जांच के ही प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज करने या उन्हें गिरफ्तार करने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। उन्होंने मांग की कि ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि दोषी और निर्दोष में सही अंतर किया जा सके।
डी.एल.एड. के प्रवेश में देरी पर चिंता और सत्र को शून्य घोषित न करने की अपील
बैठक के दौरान डी.एल.एड. (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) के प्रवेश में हो रही देरी पर भी चर्चा की गई। एमएलसी प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि सत्र को शून्य घोषित न किया जाए, बल्कि जल्द से जल्द प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रहे और शिक्षा का स्तर प्रभावित न हो।
अपर मुख्य सचिव ने दी सभी मुद्दों के समाधान का आश्वासन
बैठक के अंत में, अपर मुख्य सचिव एम.के.एस. सुंदरम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे इन सभी मुद्दों पर गहन विचार करेंगे और जल्द से जल्द उचित समाधान प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और शिक्षकों, शिक्षामित्रों, और विद्यार्थियों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए निर्णय लिए जाएंगे।
#ShrichandSharmaMLC #BasicEducationReforms #UPPolitics #TeacherTransferPolicy
🛑 Raftar Today व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को टच करें।
Follow the Raftar Today channel on WhatsApp
Twitter (X): Raftar Today (@raftartoday)