Shardha University News : शारदा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस की अनोखी धूम, गुरु-शिष्य परंपरा का मनमोहक संगम, विदेशी छात्रों ने दी हिंदी-संस्कृत में भावपूर्ण श्रद्धांजलि
विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. सिबाराम खारा ने गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि "गुरु का काम केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि छात्र के जीवन को सही दिशा देना भी है। हमारे विश्वविद्यालय का उद्देश्य हर छात्र को सही मार्गदर्शन देकर भविष्य में उनका विकास सुनिश्चित करना है।" इस मौके पर विद्यार्थियों ने प्रण लिया कि वे समाज के अनपढ़ और भटके हुए लोगों को शिक्षित करने और सही राह दिखाने का प्रयास करेंगे।
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। शारदा विश्वविद्यालय में इस वर्ष शिक्षक दिवस को कुछ खास अंदाज में मनाया गया। परंपरागत रूप से आयोजित इस कार्यक्रम ने शिक्षकों और छात्रों के बीच एक अनोखा रिश्ता फिर से मजबूत किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में छात्रों ने अपने गुरुओं के प्रति आदर और सम्मान का खूबसूरत प्रदर्शन किया। खास आकर्षण रहा विदेशी छात्रों का हिंदी और संस्कृत में विचार व्यक्त करना, जिसने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया।
विद्यार्थियों ने शिक्षक-शिष्य के रिश्ते में भरी नई ऊर्जा
इस भव्य आयोजन में छात्रों ने अपने शिक्षकों के लिए मनमोहक डांस, मिमिक्री, और गाने प्रस्तुत किए, जबकि शिक्षकों ने भी चिट गेम, म्यूजिकल चेयर और डेयर-ट्रुथ जैसे मजेदार खेलों में हिस्सा लिया। इस इंटरैक्शन ने न केवल शिक्षक-छात्र संबंधों को मज़बूती दी बल्कि पूरे कार्यक्रम में हर्षोल्लास का माहौल भी बनाया।
गुरु-शिष्य संबंध का महत्व: डॉ. सिबाराम खारा ने किया प्रकाश
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. सिबाराम खारा ने गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “गुरु का काम केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि छात्र के जीवन को सही दिशा देना भी है। हमारे विश्वविद्यालय का उद्देश्य हर छात्र को सही मार्गदर्शन देकर भविष्य में उनका विकास सुनिश्चित करना है।”
इस मौके पर विद्यार्थियों ने प्रण लिया कि वे समाज के अनपढ़ और भटके हुए लोगों को शिक्षित करने और सही राह दिखाने का प्रयास करेंगे।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का आदर्श: शिक्षक दिवस की प्रेरणा
डायरेक्टर पीआर डॉ. अजित कुमार ने शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “शिक्षक हमारे जीवन के महत्वपूर्ण मार्गदर्शक होते हैं। वे न केवल हमें शिक्षित करते हैं, बल्कि हमें जीवन की चुनौतियों से लड़ने की ताकत भी देते हैं।” साथ ही उन्होंने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के योगदान को भी याद किया और उनके आदर्शों से प्रेरित होने की अपील की।
कार्यक्रम में कई गणमान्य उपस्थित
इस विशेष आयोजन में प्रो वाइस चांसलर डॉ. परमानंद, डीन एकेडमिक डॉ. आरसी सिंह, डॉ. भुवनेश कुमार, और डॉ. दीप्ति पराशर सहित विश्वविद्यालय के अन्य प्रमुख विभागों के डीन और एचओडी भी शामिल हुए, जिन्होंने इस दिन को और भी खास बना दिया।
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