Surajkund Mela: This time Jammu and Kashmir will be the theme state, for the second time this state has got a chance, the fair will be held from 4 to 20 February 2022 | सूरजकुंड मेला: इस बार जम्मू एंड कश्मीर होगा थीम स्टेट, दूसरी बार इस राज्य को मिला है मौका, 4 से 20 फरवरी 2022 तक लगेगा मेला
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फरीदाबाद9 घंटे पहले
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अरावली वन क्षेत्र के सूरजकुंड की वादियों में लगने वाला सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में कश्मीर की कला और संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। मेला लगाने की राज्य सरकार ने पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब थीम स्टेट का भी चयन कर लिया गया है। इस बार थीम स्टेट जम्मू एंड कश्मीर होगा। अगले वर्ष 4 से 20 फरवरी तक मेला लगेगा। इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। मेले का पार्टनर कंट्री के रूप में ब्रिटेन का चयन हो चुका है।
इस मेले का आयोजन कोरोना के हालत को ध्यान में रखकर लगाया जाएगा। मेला अथॉरिटी के एक्सपर्ट तमाम सुरक्षा बिंदुओं का मंथन करने के बाद मेला लगाने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 में लगने वाले इस मेले में बुलाए जाने वाले देशों की सूची बनाकर उन्हें आमंत्रित करने के काम भी चल रहा है। बता दें कि वर्ष 2020 में मेला खत्म होने के बाद कोरोना का संकट देश के सामने खड़ा हो गया था। इससे वर्ष 2021 का मेला नहीं लग पाया था।

अरावली वन क्षेत्र में लगने वाला सूरजकुंड मेला की फाइल फोटो
1987 से शुरू हुआ था सूरजकुंड मेला
फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र स्थित सूरजकुंड में पहला हस्तशिल्प मेला 1987 में आयोजित किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंशीलाल ने हस्तशिल्प, हस्त करघा और भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए इसकी शुरुआत की थी। शुरू के वर्षों में देशभर के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों को आमंत्रित किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार एशियाई देशों तक होने लगा।
300 करोड़ के नुकसान का अनुमान
मेला अधिकारियों की मानें तो मेले में 10 से 12 लाख दर्शकों की भीड़ जमा होती है। मेला देखने दिल्ली, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा समेत हरियाणा के अन्य जिलों के लोग आते हैं। वर्ष 2021 में मेला न लगने से करीब 250 से 300 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। अकेले मेला अथॉरिटी को 30 से 35 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस मेले में शिल्पकारों और आम जनता के बीच करीब 200 से 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता है।

मेले में कलाकार अपनी कला व संस्कृति का करते हैं प्रदर्शन
कश्मीर को दूसरी बार मिला है मौका
मेला अथॉरिटी के नोडल अधिकारी राजेश जून ने बताया कि जम्मू एंड कश्मीर को दूसरी बार थीम स्टेट बनने का मौका मिला है। जबकि इस राज्य से धारा 370 हटने के बाद पहली बार थीम स्टेट के रूप में आ रहा है। उन्होंने बताया कि 22 साल बाद कश्मीर को थीम स्टेट बनने का मौका मिला है। इसके पहले वर्ष 2000 में थीम स्टेट बना था। मेला को लेकर तैयारियां धीरे धीरे शुरू की जा रही है।