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Graeter Noida West News : ग्रेटर नोएडा में गोलचक्करों पर अवैध प्रचार का खेल, बिल्डरों और प्राधिकरण की मिलीभगत?, एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स द्वारा लगाए गए कई अवैध बोर्डों का मामला, CEO रवि कुमार का सख्त रुख

आपका अपना पोर्टल रफ़्तार टुडे को अवैध बिल्डरों से बचने की सलाह देता है इन बिल्डरों का ना तो RERA में कोई एनरोलमेंट नहीं है ना ही सरकार से है। इन जैसे बिल्डर से बजाना चाहिए खासकर यूपी में, क्योंकि जब सीएम योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर चलेगा तो कोई नहीं बचा पाएगा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट, रफ्तार टुडे। क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने शहर के गोलचक्करों को विज्ञापन एजेंसियों और बिल्डरों के मुफ्त प्रचार-प्रसार का साधन बना दिया है? हाल ही में यह मुद्दा गरमाया है, जब खैरपुर गोलचक्कर पर अवैध बिल्डर एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स ने आधा दर्जन बोर्ड लगाकर अपना प्रचार किया। प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, प्रति एकड़ भूमि पर केवल एक बोर्ड लगाने की अनुमति है, लेकिन कई गोलचक्करों पर इसका उल्लंघन होता दिख रहा है।

एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स का मामला


खैरपुर गोलचक्कर पर एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स द्वारा लगाए गए कई अवैध बोर्डों का मामला तब सामने आया, जब एक स्थानीय समाचार एजेंसी रफ़्तार टुडे द्वारा इस पर रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने रातों-रात कार्रवाई करते हुए बोर्ड हटवा दिए। प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार खैरपुर गोलचक्कर का ठेका किसी अन्य फर्म को दिया गया था, जिसने अवैध रूप से एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर्स को साइट बेच दी थी। इस घटना के बावजूद, संबंधित फर्म के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

गोलचक्करों पर अवैध प्रचार का खेल

ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर बने दर्जनों गोलचक्करों और सेंट्रल वर्ज को मेंटेनेंस के नाम पर निजी बिल्डरों और अस्पतालों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इन संस्थाओं द्वारा बड़े-बड़े विज्ञापन बोर्ड लगाकर अपने प्रोजेक्ट्स और सेवाओं का प्रचार किया जा रहा है। खास बात यह है कि रखरखाव के लिए दी जाने वाली जमीन पर एक ही बोर्ड की अनुमति है, लेकिन प्राधिकरण की लापरवाही के चलते अब यह नियम अनदेखा हो गया है।

गोलचक्करों का उपयोग जनसहभागिता के लिए या प्रचार के लिए?

शुरुआत में प्राधिकरण ने गोलचक्करों सेंट्रल वर्ज और ग्रीन बेल्ट के रखरखाव के लिए फर्मों और संस्थाओं को जनसहभागिता के उद्देश्य से यह जिम्मेदारी दी थी। परंतु धीरे-धीरे इन स्थानों का उपयोग निजी प्रचार के लिए किया जाने लगा। अब यह सवाल उठता है कि क्या प्राधिकरण इन गोलचक्करों का सही रखरखाव सुनिश्चित कर रहा है, या फिर इन स्थानों को बिल्डरों और अन्य संस्थाओं के लिए मुफ्त प्रचार का साधन बना दिया गया है?

मुख्य कार्यपालक अधिकारी का सख्त रुख

हाल ही में, पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए एक जानकार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने गोलचक्करों के रखरखाव के ठेके के लिए स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया था, जो यह दर्शाता है कि प्राधिकरण अब इस मुद्दे पर सख्ती से कदम उठा सकता है। हालांकि, इस अवैध गठजोड़ के खिलाफ प्राधिकरण को और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि शहर में विज्ञापन के नाम पर हो रहे इस दुरुपयोग को रोका जा सके।

रफ़्तार टुडे को अवैध बिल्डरों से बचने की सलाह

आपका अपना पोर्टल रफ़्तार टुडे को अवैध बिल्डरों से बचने की सलाह देता है इन बिल्डरों का ना तो RERA में कोई एनरोलमेंट नहीं है ना ही सरकार से है। इन जैसे बिल्डर से बजाना चाहिए खासकर यूपी में, क्योंकि जब सीएम योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर चलेगा तो कोई नहीं बचा पाएगा


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