- Hindi News
- Local
- Delhi ncr
- People Of Delhi Saved From Stubble Pollution Due To Unseasonal Rains, Better Quality Than In 2018
नई दिल्ली2 घंटे पहलेलेखक: शेखर घोष
- कॉपी लिंक
दिल्ली में रविवार को तेज बारिश के बीच सड़कों पर गुजरते वाहन।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि मानवीय प्रयासों के बजाय प्राकृतिक कारणों से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में पिछले तीन सालों के मुकाबले अभी तक सुधार देखने को मिला है,। वायु प्रदूषण विशेषज्ञ के अनुसार दिल्ली सहित देश में रिकार्ड बारिश, हवा कि गति और हवा की दिशा के कारण वर्ष 24 अक्टूबर 2018 के मुकाबले रविवार 24 अक्टूबर 2021 में दिल्ली में दिल्ली में प्रदूषण में वृद्धि करने वाले स्थानीय कारकों वाहनों की संख्या, निर्माण स्थलों, कूड़ा,अलाव जलाने की घटनाओं में वृद्धि के बाद भी लगभग 90 फीसदी जगहों पर वायु प्रदूषण कम देखने को मिला।
पराली का प्रदूषण असर दिखाता तो मुसीबत होती
वायु प्रदूषण विशेषज्ञ सचिन पवार के अनुसार इस साल हुई रिकार्ड बारिश के असर के कारण हवा की गति और दिशा में प्राकृतिक बदलाव हुई जिस कारण से दिल्ली में जिस दिशा से पराली जलाने से उत्पन्न कण हवा के साथ आती थी वो इस साल अन्य सालों के अपेक्षा बहुत कम देखी गई। इसके साथ बारिश के कारण इस बार पराली खेतों में ही गल गई। जिसके कारण पिछले सालों के मुकाबले इस साल पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है जिसका असर दिल्ली की आवो हवा में असर देखने को मिली है।
दिल्ली में खतरनाक मानक को पार कर सकता है प्रदूषण
पवार ने बताया कि मानसून खत्म होने से गोवा में बनी हवा का दबाव व हवा की दिशा में होने वाली बदलाव का असर दिल्ली में दिखेगा। उन्होंने ने बताया कि दिल्ली में दिवाली से पहले नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक मानक को पार सकती है।
प्रदूषण को कम करने में हरियाली का भी योगदान
पवार ने बताया कि दिल्ली में साल दर साल प्रदूषण के आंकड़ों में आ रही कमी का बहुत बड़ा कारण हरियाली का है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में आबादी बढ़ने के कारण प्रदूषण बढ़ाने वाले कारणों में वृद्धि हुई तो दिल्ली में पिछले पांच सालों में वृक्षारोपण जैसे अभियानों से हरियाली भी बढ़ी है, जिसका प्राकृतिक रूप से प्रदूषण करने के रूप प्रभाव देखा जा रहा है।
एक्सपर्ट बोले-दिल्ली प्रदूषित हवा से नहीं हो पाई ब्लॉक
पवार ने बताया कि दिल्ली लैंड ब्लॉक वैली है। इस कारण पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में जलाई जाने वाली पराली के प्रदूषित तत्व(पीएम2.5) हवा के साथ आकर दिल्ली में आकर ब्लाक हो जाती थी। इस कारण दिल्ली में प्रदूषण की समस्या आ रही थी। उन्होंने ने बताया कि इस बार अधिक बारिश होने के कारण वायु की वेग और दिशा दोनों में प्राकृतिक रूप से बदलाव के कारण हवा के वेग और दिशा में बदलाव के कारण पीएम2.5 लेकर आने वाली प्रदूषित हवा दिल्ली पहुंची नहीं पाई। इसके साथ ही दिल्ली में वाहनों, निर्माण स्थलों, कूड़ा व अलाव जलाने से होने वाली प्रदूषित हवा को तेज हवा अपने साथ वहा कर दिल्ली से बाहर कर दिया।