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नई दिल्ली19 मिनट पहले
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नीट पीजी की काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। -फाइल फोटो
नीट पीजी की काउंसलिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया पर तब तक रोक लगाने के निर्देश दिए जब तक कि वह ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) में ओबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले की वैधता पर फैसला नहीं ले लेती। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि नीट पीजी की पहले राउंड की काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन आज से 29 अक्टूबर तक होनी थी।
इस पर शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि जब तक कोर्ट मामले पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक काउंसलिंग की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़नी चाहिए। यह रोक नीट पीजी में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के 10 % आरक्षण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लगाई है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि अदालत में इस मुद्दे पर निर्णय होने तक नीट पीजी की काउंसलिंग नहीं होगी। नीट पीजी में आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और ओबीसी वर्ग को आरक्षण की वैधता को चुनौती देते हुए कुछ मेडिकल छात्रों ने याचिकाएं दायर की थीं। कोर्ट ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
आठ लाख रुपए की आय सीमा पर सवाल
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि निम्न आय वर्ग की परिभाषा में 8 लाख रुपए तक सालाना आय के लोगों को रखना एक मनमाना फैसला है। यह रद्द किया जाना चाहिए। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 21 अगस्त, 2021 को सुनवाई के दौरान ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आठ लाख रुपये की वार्षिक आय के मानदंड अपनाने को लेकर केंद्र सरकार पर सवालों की ‘बौछार’ की थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र द्वारा हलफनामा दाखिल नहीं करने पर नाराजगी भी जताई थी। पीठ ने केंद्र से सवाल किया कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए समान मानदंड कैसे अपनाया जा सकता है जबकि ईडब्ल्यूएस में कोई सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ापन नहीं है।
याचिकाकर्ता बोले- निर्णय तक रोक लगे
साेमवार काे याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि जब तक कोर्ट 29 जुलाई की आरक्षण वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का फैसला लेगा, तब तक एडमिशन की पूरी प्रक्रिया खत्म हो चुकी होगी और यह विद्यार्थियों के साथ बड़ा अन्याय होगा। ऐसे में इस मुद्दे पर अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए। इसपर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि जब तक अदालत इस मुद्दे का निर्णय नहीं कर लेती, तब तक नीट पीजी की काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की जानी चाहिए।
11 सितंबर को हुई थी परीक्षा, 1.70 लाख छात्रों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
नीट पीजी परीक्षा का आयोजन 11 सितंबर को किया गया था। इस बार देश भर से एक लाख 70 हजार छात्रों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। परिणाम की घोषणा 28 सितंबर, 2021 को की गई थी। इस साल जनरल वर्ग के लिए कट-ऑफ स्कोर 800 में से 302, एससी/एसटी/ओबीसी के लिए 800 में से 265 और यूआर-पीडब्ल्यूडी श्रेणी के लिए 283 था। नीट पीजी परीक्षा मास्टर ऑफ सर्जरी, डॉक्टर ऑफ मेडिसिन और पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है। इसके तहत 10821 मास्टर ऑफ सर्जरी, 19953 डॉक्टर ऑफ मेडिसिन और 1979 पीजी डिप्लोमा सीट के लिए 6102 सरकारी और प्राइवेट, डीम्ड और केंद्रीय यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिया जाता है।