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Noida Authority News : अखिलेश के करीबी पर प्राधिकरण की सख्ती, सपा नेता राकेश यादव के भाई महेश की करोड़ों की संपत्ति सील, जानिए क्या है पूरा मामला, दिल्ली से लेकर लखनऊ तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है

नोएडा, रफ़्तार टुडे। नोएडा में चल रही प्राधिकरण की कार्रवाई ने मंगलवार को एक बड़ा मोड़ ले लिया जब समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता राकेश यादव के भाई महेश यादव की करोड़ों की संपत्ति को सील कर दिया गया। यह संपत्ति नोएडा के व्यावसायिक हब सेक्टर-18 में स्थित है और प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इसमें बकाया रकम की वजह से यह कार्रवाई की गई है। महेश यादव की यह संपत्ति सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से जुड़ी हुई बताई जा रही है, क्योंकि वह कई बार महेश यादव के घर आ चुके हैं। यह घटना राजनीतिक और आर्थिक हलकों में खासी चर्चा का विषय बन गई है, और दिल्ली से लेकर लखनऊ तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है।

क्या है पूरा मामला?

नोएडा प्राधिकरण ने महेश यादव पर लगभग 21 करोड़ रुपये का बकाया दर्ज किया था, जिसे समय पर जमा न करने के कारण उनकी संपत्ति सील कर दी गई। अधिकारियों के मुताबिक, बकाया चुकाने के लिए उन्हें कई बार नोटिस भेजे गए थे, लेकिन न तो कोई भुगतान किया गया और न ही कोई प्रतिक्रिया दी गई। इसी के चलते प्राधिकरण ने कोर्ट के आदेश के आधार पर संपत्ति को सील करने का फैसला लिया।

हाईकोर्ट ने भी खारिज की याचिका

महेश यादव ने अपने प्लॉट को लेकर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ 20 अप्रैल 2023 को जारी हुए प्लॉट निरस्तीकरण के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 1 मई 2023 को याचिका खारिज कर दी थी, और आदेश दिया था कि महेश यादव को 15 मई 2023 तक 5 करोड़ रुपये जमा करने होंगे, जबकि बाकी 16 करोड़ रुपये चार तिमाही किस्तों में चुकाने होंगे। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद महेश यादव ने न तो कोई रकम जमा की और न ही किसी नोटिस का जवाब दिया, जिससे यह कार्रवाई अपरिहार्य हो गई।

बिना अनुमति के किराए पर दी थी संपत्ति

महेश यादव पर आरोप है कि उन्होंने बकाया चुकाने के बजाय अपनी 8 मंजिला इमारत को धोखे में रखकर कई बड़े शोरूम मालिकों को किराए पर दे दिया था। इस इमारत में कई प्रतिष्ठित कंपनियों के शोरूम चल रहे थे, जिन्हें इस सीलिंग कार्रवाई से बड़ा झटका लगा है। इस घटना से नोएडा का व्यावसायिक हब हिल गया है और कई व्यवसायी इस फैसले से प्रभावित हुए हैं।

प्राधिकरण की भविष्य की योजनाएं

नोएडा प्राधिकरण सिर्फ बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने आगे की योजनाओं को लेकर भी कई कदम उठाए हैं। प्राधिकरण ने आधारभूत ढांचे के विकास और भूमि अधिग्रहण के लिए एक कंसल्टेंट कंपनी नियुक्त करने की योजना बनाई है। यह कंपनी किसानों से सीधे भूमि खरीदने और भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत प्राधिकरण की सहायता करेगी। प्राधिकरण इस दिशा में अपने लैंड बैंक को बढ़ाने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है, ताकि आने वाले समय में नई परियोजनाओं का विस्तार किया जा सके।

दिल्ली से लखनऊ तक गर्माया मामला

यह मामला सिर्फ एक प्राधिकरण की कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी इस घटना की चर्चा जोरों पर है। महेश यादव का समाजवादी पार्टी से सीधा संबंध होने के कारण यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले महेश यादव की संपत्ति सील किए जाने की खबर ने विपक्षी दलों में भी हलचल मचा दी है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक इस पर बहस छिड़ी हुई है कि क्या यह कार्रवाई राजनीतिक कारणों से प्रेरित है या वास्तव में यह एक आर्थिक मुद्दा है।

क्या होगा अगला कदम?

इस मामले में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि महेश यादव आगे क्या कदम उठाते हैं। क्या वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे या बकाया चुकाकर प्राधिकरण से अपनी संपत्ति को फिर से हासिल करने की कोशिश करेंगे? यह मामला अभी के लिए राजनीति और प्रशासनिक स्तर पर गरमाया हुआ है, लेकिन आने वाले दिनों में इसके और बड़े प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज

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