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Saint Hood Convent Schoo News : सेंट हुड कान्वेंट स्कूल में धूमधाम से मनाया गया दशहरा पर्व, बच्चों ने रामलीला में किया अद्भुत प्रदर्शन, डांडिया और गरबा ने बढ़ाया उत्साह

दादरी, रफ्तार टुडे। सेंट हुड कॉन्वेंट स्कूल में इस साल दशहरा पर्व का आयोजन विशेष उत्साह और उल्लास के साथ किया गया। प्राइमरी, प्री-प्राइमरी और उच्च कक्षाओं के बच्चों ने इस मौके पर कई रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। बच्चों ने रामलीला के मंचन से लेकर गरबा और डांडिया नृत्य में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर सभी शिक्षकों और छात्रों की मेहनत और उत्साह ने इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत हनुमान चालीसा के पाठ से हुई, जिसे बच्चों ने पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ प्रस्तुत किया। इसके बाद स्वागत गीत और नृत्य के साथ माहौल को और भी आनंदमयी बना दिया गया। छोटे बच्चों द्वारा किया गया फैशन शो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा, जिसमें नन्हे-मुन्नों ने अपने अद्भुत परिधानों और आत्मविश्वास से सबको मोहित कर दिया।

रामलीला का मंचन:

सबसे बड़ा आकर्षण रहा विद्यालय के वरिष्ठ छात्रों द्वारा प्रस्तुत रामलीला। रामायण के प्रमुख दृश्यों का बच्चों द्वारा जीवंत चित्रण किया गया, जिसने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। राम, सीता, लक्ष्मण और रावण की भूमिका निभा रहे छात्रों ने अपने अभिनय और संवाद अदायगी से सबका ध्यान आकर्षित किया। रावण के अहंकार और राम की मर्यादा के बीच संघर्ष को बच्चों ने बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया।

डांडिया और गरबा:

नवरात्रि के इस अवसर पर बच्चों ने गरबा और डांडिया के माध्यम से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। पूरे विद्यालय परिसर में रंग-बिरंगी पोशाकों में बच्चों का गरबा नृत्य देखकर मानो एक छोटी सी नवरात्रि महोत्सव की झलक मिल रही थी। यह नृत्य सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं था, बल्कि बच्चों ने इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति की झलक को भी प्रस्तुत किया।

मुख्य अतिथियों का सम्मान:

इस कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में यूनेस्को की वाइस अध्यक्ष शशी बहदोरिया, रिसोर्स पर्सन अनसूइया सीताराम और बीजेपी नेता एसएचके शर्मा ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उन्होंने बच्चों के प्रदर्शन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में दशहरा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व की महत्ता समझाई। उनके अनुसार, यह पर्व न केवल बुराई के अंत का प्रतीक है, बल्कि यह हमें जीवन में नैतिक मूल्यों के पालन की प्रेरणा भी देता है।

रावण दहन का आयोजन:

कार्यक्रम का समापन रावण दहन से हुआ, जिसे विद्यालय के मैनेजर संदीप शर्मा, प्रधानाचार्या डॉ. आशा शर्मा और अतिथियों ने संपन्न किया। रावण दहन के इस दृश्य ने सभी को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। छात्रों और शिक्षकों के सहयोग से इस कार्यक्रम ने विद्यालय के प्रांगण को एक अद्वितीय सांस्कृतिक केंद्र बना दिया, जहां हर कोई इस अद्भुत उत्सव का साक्षी बना।

प्रधानाचार्या का संदेश:

विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. आशा शर्मा ने कार्यक्रम की सफलता का श्रेय सभी शिक्षकों और छात्रों को दिया। उन्होंने विशेष रूप से म्यूजिक टीम के वारिस खान, डांस टीचर प्रदीप, सीनियर विंग कोऑर्डिनेटर वंदना यादव, मिडल विंग कोऑर्डिनेटर गीता शर्मा, प्राइमरी विंग कोऑर्डिनेटर दिव्या गोले, उप प्रधानाचार्या नीलम शर्मा और एक्टिविटी इंचार्ज रीना वत्स को धन्यवाद दिया। उनके अनुसार, यह कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है, जिसने इसे सफल बनाया।

दशहरा पर्व की महत्ता:

दशहरा, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, को इस कार्यक्रम के माध्यम से बड़े धूमधाम से मनाया गया। विद्यालय के इस आयोजन ने छात्रों को न केवल सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का काम किया, बल्कि उन्हें नैतिक शिक्षा भी प्रदान की। रामलीला, गरबा, डांडिया और रावण दहन जैसे कार्यक्रमों ने इस पर्व को और भी खास बना दिया। सभी छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर इस पर्व को भव्यता और गरिमा के साथ मनाया, जो सेंट हुड कॉन्वेंट स्कूल के प्रांगण में सदा यादगार रहेगा।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज

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