गाजियाबाद2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
नोएडा में कई जगह सड़कों पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसकी वजह से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
इसरो द्वारा तैयार प्रोटोकॉल की मानें तो एनसीआर के आठ जिलों में एक महीने के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में 47.61 फीसदी कमी आई है। वहीं एनसीआर के जिलों में प्रदूषण रोकने के लिए एक अक्तूबर से ग्रैप सिस्टम लागू हो चुका है। इस हिसाब से प्रदूषण का स्तर कम हो जाना चाहिए, लेकिन इसका उल्टा हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बिगड़ रही है। वायु गुणवत्ता खराब रहने के मामले में गाजियाबाद लगातार टॉप पर है। प्रदूषण अफसरों का मानना है कि जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे एक्यूआई के हालात और बिगड़ेंगे।
गाजियाबाद का AQI 300 के नजदीक पहुंचा
गुरुवार यानि 28 अक्तूबर की सुबह हापुड़ की एयर क्वालिटी (AQI) सबसे खराब 312 है जो रेड जोन में है। इसके अलावा गाजियाबाद का AQI 298, मेरठ 283 बागपत और ग्रेटर नोएडा का 278, बुलंदशहर 277, नोएडा 269 और मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 260 पर बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का AQI 265 है। हापुड़ के अलावा एनसीआर के सभी जिले ओरेंज जोन में हैं। गाजियाबाद जिले में सबसे खराब वायु गुणवत्ता लोनी इलाके की खराब है। यहां का AQI 326 है जो सबसे खराब श्रेणी में आता है।
एनसीआर में पराली जलाने पर कोई मुकदमा नहीं
इसरो ने पराली जलाने की घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए एक प्रोटोकॉल बनाया है। इस प्रोटोकॉल के अनुसार, एनसीआर के 8 जिलों में पराली जलाने की घटनाएं 47.61 फीसदी कम हुई हैं। ये सभी 8 जिले यूपी के हैं जो एनसीआर में आते हैं। इसके अलावा पंजाब में 69.49 और हरियाणा में 18.28 फीसदी कम हैं। गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा, बागपत जिलों में पराली जलाने पर अभी एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। प्रशासन का कहना है कि जागरुकता के चलते किसान अब पराली नहीं जला रहे हैं। खेतों में ही उसका प्रयोग खाद बनाने में कर रहे हैं।
असर : पटाखे बेचने-फोड़ने पर रोक
गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन का हवाला देकर पटाखे बेचने या फोड़ने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। पटाखा बेचने वाले को जेल भेजने के लिए कहा है। एक महीने में गाजियाबाद पुलिस ने पटाखा बिक्री करने के पांच मामले पकड़े हैं। इसके अलावा तार जलाकर प्रदूषण करने में तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
अफसर बोले- जाम से हो रहा वायु प्रदूषण
गाजियाबाद के क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी उत्सव शर्मा कहते हैं कि यहां का प्रदूषण स्तर एनसीआर के बाकी जिलों के समान ही है। वह मानते हैं कि यहां पर जाम लगने से निकलने वाला वाहनों का धुआं ही वायु प्रदूषण की मुख्य वजह है।