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Bisrakh News : सियासी गलियारों में भाटी परिवार का दबदबा, 1972 से लेकर आज तक, बिसरख से नोएडा तक फैला मजबूत राजनीतिक किला!

ग्रेटर नोएडा, बिसरख (Raftar Today) । जब भी बिसरख की राजनीति की बात होती है, भाटी परिवार का नाम सम्मान और अद्वितीय सियासी दबदबे के साथ लिया जाता है। यह परिवार केवल बिसरख ही नहीं, बल्कि ग्रेटर नोएडा और आसपास के कई इलाकों में अपनी गहरी छाप छोड़ चुका है। इस वंश की राजनीतिक धारा 1972 में तब शुरू हुई, जब जगत सिंह भाटी बिसरख के ब्लॉक प्रमुख बने। इसके बाद से लेकर अब तक इस परिवार ने राजनीति में अपना सिक्का जमा रखा है।

जगत सिंह भाटी: भाटी परिवार की राजनीति की नींव

1972 में, जगत सिंह भाटी ने बिसरख ब्लॉक प्रमुख का पद संभाला और इस पर 1990 तक लगातार बने रहे। यह उनके संघर्ष और नेतृत्व का नतीजा था कि उन्होंने परिवार की राजनीतिक विरासत की नींव रखी। उनकी लोकप्रियता ने ही बिसरख में इस परिवार का राजनीतिक रास्ता तैयार किया, जिसने आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का काम किया।

ध्यान सिंह भाटी: पिता की विरासत को नई ऊंचाईयों तक ले गए

जगत सिंह भाटी के बाद उनके बेटे, ध्यान सिंह भाटी ने 1989 में ब्लॉक प्रमुख का पद संभाला। उन्होंने 2005 से 2010 तक भी इस पद पर दोबारा अपनी जगह बनाई। अपने कुशल नेतृत्व की और क्षेत्र में लोकप्रियता के चलते उन्होंने बिसरख में भाटी परिवार का राजनीतिक दबदबा और भी मजबूत किया। ध्यान सिंह भाटी की राजनैतिक सक्रियता ने उन्हें अपने पिता की राह पर चलने का मौका दिया और भाटी परिवार का नाम बिसरख के हर कोने तक फैलाया।

अमरीश भाटी: नई पीढ़ी के नेता का उदय

ध्यान सिंह भाटी के छोटे बेटे अमरीश भाटी ने राजनीति में कदम रखकर अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 2010 से 2021 तक लगातार ब्लॉक प्रमुख के रूप में कार्य किया। उनके इस लंबे कार्यकाल ने उन्हें बिसरख क्षेत्र में भाटी परिवार की नई पीढ़ी के प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया। अमरीश भाटी की राजनैतिक कार्यशैली और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ ने भाटी परिवार की राजनीतिक विरासत को और सुदृढ़ किया।

अरविंद भाटी: बसपा सरकार में मंत्री से लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी तक का सफर

भाटी परिवार के बड़े बेटे, अरविंद भाटी, जो कि बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके करतार नागर के बेटी से विवाह हुआ है। बिसरख से नोएडा तक एक प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में जाना जाता है। करतार नागर के दामाद होने के साथ ही, वर्तमान में वे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भी एक अहम पद पर कार्यरत हैं। दो बार नोएडा अथॉरिटी से चुनाव भी लड़ चुके हैं और हर बार जनता का बड़ा समर्थन उन्हें मिला, हालांकि अंतिम चुनाव में वे कम वोटों से हार गए थे। उनकी पहचान और उपलब्धियों ने भाटी परिवार का नाम और भी बड़ा कर दिया है।

  1. भाटी परिवार का सामाजिक और राजनीतिक योगदान

भाटी परिवार का प्रभाव केवल राजनीति तक सीमित नहीं है; वे अपने सामाजिक कार्यों के माध्यम से भी समाज में सक्रिय योगदान देते आए हैं। ध्यान सिंह भाटी की बेटी रेणु भाटी भी परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जो विभिन्न सामाजिक कार्यों में योगदान देकर क्षेत्र के लोगों के साथ एक गहरा रिश्ता बनाए हुए हैं।

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