Yamuna Authority Land Use News: जेवर एयरपोर्ट के पास दो प्रकार के लैंड यूज की मंजूरी, यीडा क्षेत्र में फैक्ट्री परिसर में बनेंगे मकान और दुकान
यमुना प्राधिकरण, रफ़्तार टुडे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकटवर्ती क्षेत्रों में दो प्रकार के भू-उपयोग को मंजूरी मिल गई है। इस निर्णय से एयरपोर्ट के आसपास विकसित होने वाली औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले मजदूरों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए फैक्ट्री परिसर के अंदर ही मकान, दुकान, स्कूल और बाजार विकसित करने का रास्ता साफ हो गया है। यह विकास योजना ना केवल औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार के अवसरों को भी सृजित करेगी।
नए लैंड यूज के तहत क्या-क्या होगा?
प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि दोनों भू-उपयोग में औद्योगिक, आवासीय, संस्थागत तथा व्यावसायिक के लिए क्षेत्रफल भी निर्धारित कर दिया गया है। नोएडा एयरपोर्ट के आसपास के कुछ सेक्टरों को मिक्स लैंड यूज के लिए आरक्षित रखा गया है। इनमें सेक्टर-24, 24ए और नए विकसित होने वाले अन्य सेक्टर शामिल हैं। इससे पहले, इन सेक्टरों में औद्योगिक गतिविधियों को विकसित करने के लिए कोई नीति लागू नहीं थी, जिसके कारण रोजगार की तलाश में आने वाले कामगारों के लिए रहने और बच्चों की पढ़ाई की समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं।
स्लम क्षेत्र को बढ़ावा मिलने का खतरा कम हुआ
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तर्ज पर यमुना सिटी में भी स्लम क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की आशंका थी, लेकिन इस नई नीति के लागू होने से अब शहर को स्लम में तब्दील न होने देने के लिए मास्टर प्लान 2041 में दो तरह की भू-उपयोग नीति को शामिल कर लिया गया है। पहले के हालात को देखते हुए, जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रिहायशी इलाकों में लाखों झुग्गी-झोपड़ी बनी हुई हैं, यह नया प्रावधान शहर की सुंदरता को बचाने में सहायक सिद्ध होगा।
फैक्ट्री परिसर में सभी सुविधाओं का एकीकृत प्रावधान
यमुना सिटी में जो भी डेवलपर औद्योगिक इकाई शुरू करेगा, उसे फैक्ट्री के साथ ही कामगारों और कर्मचारियों के लिए आवास, दुकान, स्कूल और मार्केट तक परिसर में ही बनानी पड़ेगी। इससे कामगारों पर महंगे स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का आर्थिक बोझ कम होगा और उन्हें दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की सुविधा भी उसी परिसर में मिलेगी। यह कदम कार्यबल की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और क्षेत्र में स्थायी विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।
नीति का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई
यमुना विकास प्राधिकरण के अनुसार, नीति के विरुद्ध निर्माण पर आवंटन निरस्तीकरण तक की कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रस्ताव को बोर्ड में भी रखा गया था और अब मास्टर प्लान 2041 में इसे आधिकारिक रूप से शामिल किया गया है। यमुना सिटी में फैक्ट्री परिसर के भीतर ही कामगारों और कर्मचारियों के लिए मकान, दुकान और स्कूल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का खाका तैयार हो चुका है।
निष्कर्ष: विकास के नए आयाम
इस प्रकार की विकास नीति से न केवल औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह यमुना सिटी को एक व्यवस्थित और संतुलित आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तित करने का प्रयास भी है। इससे स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर और बेहतर जीवन स्तर की सुविधा मिलेगी।
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