देशप्रदेश

The wait is over!; Tikri border will open from today, was closed for 11 months due to farmers’ agitation | हटने लगे बैरिकेड, 11 माह से किसानों के आंदोलन के चलते था बंद

रेवाड़ी32 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

11 महीने बाद टिकरी बॉर्डर खुलने जा रहा है। 3 कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के चलते दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाला रास्ता बंद था, जो अब शुक्रवार को खुल जाएगा। दिल्ली पुलिस ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।

किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर गाड़े गए कील और कांटे गुरुवार को उखाड़ दिए गए। सड़क पर डाले गए बड़े-बड़े अवरोधक हट गए हैं। जल्द ही वाहनों का आवागमन शुरू हो सकेगा। दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे-9 (NH) का एक तरफ का रास्ता साफ हो चुका है।

दिल्ली और बहादुरगढ़ आने-जाने वाले लोग पहले की तरह इस हाईवे का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि सड़क के एक तरफ काफी लंबी दूरी पर किसानों के टेंट गड़े हैं। इसलिए एक तरफ की सड़क ही खुलेगी।

किसानों को रोकने के लिए लगाए थे बैरिकेड
केन्द्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2018 से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। दिल्ली की सीमा से सटे हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा के विभिन्न जिलों के हजारों किसान डटे हुए हैं।

किसानों को उस वक्त बॉर्डर पर रोका गया था, जब वह दिल्ली के अंदर प्रवेश कर रहे थे, लेकिन उसके बाद किसानों ने आगे बढ़ने की बजाए बॉर्डर पर ही अपना डेरा जमा लिया था। दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को रोकने के लिए भारी ताम-झाम खड़ा कर दिया।

शुरुआत में इन दोनों ही बॉर्डर पर बैरिकेड लगाकर भारी संख्या में जवानों को तैनात किया था। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद टिकरी और सिंघु बॉर्डर को एक तरह से अभेद किले में तब्दील करते हुए यहां सड़क पर ही कील गाड़ दी गई थीं। पिछले काफी दिनों से दोनों बॉर्डर को खुलवाने के लिए सरकार से लेकर कोर्ट तक ने प्रयास किए। अब 11 माह बाद प्रयास रंग लाने लगे हैं।

हाई पावर कमेटी की मीटिंग रंग लाई
किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली के रास्तों को खुलवाने की मांग देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में भी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया तो हरियाणा सरकार ने पिछले महीने ही एक हाई पावर कमेटी गठित की। इस कमेटी में हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक (DGP) पीके अग्रवाल, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल सहित उन अधिकारियों को शामिल किया गया, जो किसानों के साथ बातचीत करके रास्ता खुलवा सकें।

कमेटी को शुरुआती प्रयासों में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली, लेकिन 3 दिन पहले 26 अक्टूबर को बहादुरगढ़ में गौरेया पर्यटन केन्द्र में हुई मीटिंग में 4 घंटे चले मंथन के बाद टिकरी बॉर्डर के एक तरफ के रास्ते को खोलने को लेकर सहमति बन गई।

खबरें और भी हैं…

Source link

Related Articles

Back to top button