ACE Society News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट ऐस सिटी के लोग थाने पहुंचे, आवारा कुत्तों से परेशान निवासियों ने लगाई प्रशासन से गुहार, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर संकट, कुत्ता प्रेमी और सुरक्षा कर्मियों के बीच टकराव
ग्रेटर नोएडा वेस्ट, रफ्तार टुडे। ऐस सिटी (Ace City) के निवासियों ने आज एकजुट होकर स्थानीय पुलिस चौकी का रुख किया। वजह थी सोसाइटी में आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक। इन कुत्तों की वजह से बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हर दिन निवासियों को इनसे नई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आखिरकार, निवासियों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर संकट
निवासियों के मुताबिक, सोसाइटी में आवारा कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। ये कुत्ते पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा जमा चुके हैं। बच्चों को खेलने से डर लगता है, और बुजुर्गों को सुबह-शाम टहलने जाने में भी समस्या हो रही है।
C टावर में रहने वाली एक वृद्ध महिला को हाल ही में इन कुत्तों ने काट लिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गईं। इसके बाद से स्थिति और बिगड़ गई है। लोग अपने फ्लैट्स में बंद रहने को मजबूर हैं।
कुत्ता प्रेमी और सुरक्षा कर्मियों के बीच टकराव
जब भी सोसाइटी के सुरक्षा कर्मी इन आवारा कुत्तों को बाहर निकालने की कोशिश करते हैं, तो कुछ कुत्ता प्रेमी इसका विरोध करने लगते हैं।
ये लोग PETA (पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) में शिकायत करने और कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं।
सुरक्षा गार्ड्स को अनजान नंबरों से फोन कर डराने और एफआईआर कराने की धमकी दी जाती है। यह विवाद सोसाइटी के अंदर तनाव का कारण बन चुका है। निवासियों का कहना है कि कुत्ता प्रेमी उनकी समस्याओं को समझने के बजाय सुरक्षा कर्मियों पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं।
निवासियों का थाने पहुंचना क्यों जरूरी हो गया?
सोसाइटी के निवासी, खासतौर पर महिलाएं और बुजुर्ग, आवारा कुत्तों के डर से मानसिक तनाव झेल रहे हैं। पार्क, गलियारे और खेल के मैदान अब इनके लिए सुरक्षित नहीं रहे। इस समस्या का समाधान न होता देखकर आज सैकड़ों निवासी स्थानीय पुलिस चौकी पहुंचे।
वहां उन्होंने आवारा कुत्तों की समस्या को विस्तार से बताया। निवासियों ने प्रशासन से निवेदन किया कि इन कुत्तों को सोसाइटी से हटाकर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए।
प्रशासन से निवासियों की मांगें
- आवारा कुत्तों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए: निवासियों का कहना है कि कुत्तों को बिना नुकसान पहुंचाए उनके लिए विशेष आश्रय गृह में स्थानांतरित किया जाए।
- सुरक्षा में सुधार: सोसाइटी के अंदर सुरक्षा बढ़ाई जाए ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
- दोनों पक्षों के बीच संवाद: कुत्ता प्रेमियों और निवासियों के बीच प्रशासन की मदद से एक सहमति बनाई जाए।
सोसाइटी में बंटी राय: कुत्तों का समर्थन बनाम उनकी समस्या
ऐस सिटी की इस समस्या ने सोसाइटी में दो पक्षों को खड़ा कर दिया है। एक पक्ष वह है जो कुत्तों को समस्या मानता है और उन्हें हटाने की मांग कर रहा है।
दूसरा पक्ष कुत्ता प्रेमियों का है, जो इन कुत्तों के अधिकारों का समर्थन करता है और उन्हें सुरक्षित रखने की वकालत कर रहा है। निवासियों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच संवाद की सख्त जरूरत है ताकि इस विवाद को सुलझाया जा सके।
आगे का रास्ता क्या हो सकता है?
- एनजीओ और प्रशासन का सहयोग:
स्थानीय प्रशासन को एनजीओ के साथ मिलकर इन कुत्तों को रेस्क्यू करना चाहिए और उन्हें सुरक्षित आश्रय में भेजना चाहिए। - जागरूकता अभियान:
निवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना चाहिए, ताकि हर किसी की चिंताओं को समझा जा सके। - सुरक्षा कर्मियों को ट्रेनिंग:
सोसाइटी के सुरक्षा गार्ड्स को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
इस मामले में पशु अधिकार संगठनों और प्रशासन दोनों को साथ मिलकर काम करना होगा। पशु प्रेमियों का कहना है कि कुत्तों को नुकसान पहुंचाए बिना समाधान निकाला जाए।
निवासियों का कहना है कि उनकी सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
ऐस सिटी के लोग क्यों हैं मायूस?
आवारा कुत्तों की समस्या का कोई स्थायी समाधान न होने के कारण निवासियों में निराशा है। वे चाहते हैं कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द कदम उठाए।
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