Kisan Morcha News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का महाधरना, राकेश टिकैत ने दिया बड़ा संदेश, “बंटेंगे तो कटेंगे किसान, एकजुटता ही जीत का रास्ता”
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ किसानों ने आज से अपना तीन दिवसीय महाधरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया, जो अपनी प्रखर आवाज़ और किसानों की समस्याओं को उठाने के लिए जाने जाते हैं। टिकैत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे “बंटेंगे तो कटेंगे” को किसानों के लिए एकजुटता का मंत्र बताया।
राकेश टिकैत का किसानों को संदेश: “संगठन में है शक्ति”
धरने को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा:
“किसान जब तक आपस में बंटे रहेंगे, प्राधिकरण और सरकारों से न्याय की उम्मीद करना व्यर्थ है। ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का यह संदेश हमें एकता के लिए प्रेरित करता है।”
उन्होंने किसानों को चेतावनी दी कि अगर वे संगठनों में बिखरे रहे, तो उनकी आवाज कमजोर पड़ जाएगी। टिकैत ने सभी किसान संगठनों से संयुक्त मोर्चा बनाकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
किसानों की मुख्य मांगें
धरने में हजारों किसानों ने भाग लिया और अपनी मुख्य मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया। ये मांगें निम्नलिखित हैं:
- छह प्रतिशत भूखंडों का आवंटन।
- 64 प्रतिशत मुआवजे का तत्काल भुगतान।
- उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट पर जल्द से जल्द कार्रवाई।
किसानों का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
धरने का आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था
इस विशाल आंदोलन में किसानों के समर्थन में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने भाग लिया। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी और वरिष्ठ नेता रोहित मत्ते गुर्जर के नेतृत्व में सैकड़ों सपाई भी मौजूद रहे।
हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए। संयुक्त आयुक्त (कानून व्यवस्था) शिवहरि मीणा और अपर जिलाधिकारी बच्चू सिंह ने धरना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस ने धरने पर आने वाले लोगों की संख्या को सीमित रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी थी।
ट्रैक्टरों का हुजूम और किसानों का जोश
धरना स्थल पर सुबह से ही हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों और झंडों के साथ पहुंचने लगे। उनका जोश और जज्बा देखने लायक था। प्राधिकरण के गेट के बाहर किसानों ने “किसान एकता जिंदाबाद” और “हम अपने हक़ लेकर रहेंगे” के नारे लगाए।
धरने को पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला और कई प्रमुख किसान नेताओं ने भी संबोधित किया। उनका कहना था कि यह आंदोलन किसानों की संवैधानिक और आर्थिक हक़ की लड़ाई है।
संयुक्त किसान मोर्चा के जरिए एकता की नई शुरुआत
राकेश टिकैत का संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यह बड़ा आंदोलन चलाने का उद्देश्य किसानों के विभिन्न गुटों को एक मंच पर लाना है। हालांकि, कुछ स्थानीय किसान नेताओं ने इसे टिकैत की राजनीति में दबदबा बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा।
धरने में शामिल किसान नेताओं का कहना है कि अगर यह आंदोलन सफल होता है, तो यह किसानों के हक और अधिकार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
किसानों की आवाज का असर
धरने की वजह से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर कामकाज ठप हो गया। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
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