Galgotia University News : गलगोटियास विश्वविद्यालय 12वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालय सम्मेलन का भव्य समापन, एआई और सतत विकास लक्ष्यों पर हुई गहन चर्चा
ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। गलगोटियास विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय “12वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालय और सूचना सम्मेलन” का समापन गरिमामयी तरीके से संपन्न हुआ। यह सम्मेलन 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक चला, जिसमें देश-विदेश के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम ने न केवल अकादमिक दुनिया को जोड़ा बल्कि ज्ञान, तकनीकी विकास और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच एक सेतु का कार्य किया।
विदेशी प्रतिनिधियों ने किया विश्वविद्यालय की सराहना
फ्रांस, जर्मनी, जापान, अमेरिका, यूके, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और बांग्लादेश जैसे कई देशों के प्रतिनिधियों ने गलगोटियास विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की प्रशंसा की।
स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाओं और डिजिटल युग के अनुसार बनाई गई स्मार्ट लाइब्रेरी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
विदेशी प्रतिनिधियों ने कहा,
“गलगोटियास विश्वविद्यालय का परिसर दर्शाता है कि यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”
सम्मेलन की मुख्य झलकियां
- विषयवस्तु और शोध पत्रों की प्रस्तुति:
सम्मेलन में “पुस्तकालयों में डिजिटल परिवर्तन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर 84 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इनमें लाइब्रेरी टेक्नोलॉजी, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और एआई तकनीकों के उपयोग पर गहन चर्चा हुई। - विशेषज्ञ वक्ताओं के विचार:
प्रो. लीचुकेयोंग (सिंगापुर):
लाइब्रेरियंस को जनरेटिव एआई का इस्तेमाल करने की सलाह दी ताकि इसकी संभावनाओं और सीमाओं को समझा जा सके।
प्रो. जीन चार्ल्स लैमिरल (फ्रांस):
एआई उपकरणों की हालिया प्रगति पर विचार रखते हुए कहा कि अभी भी इनके प्रभावी उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ. साओरी डोंकाई (जापान):
सार्वजनिक पुस्तकालयों को डिमेंशिया-फ्रेंडली बनाने की आवश्यकता बताई, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
डॉ. एमिली ड्राबिंस्की (अमेरिका):
“पुस्तकालय न केवल साक्षरता को बढ़ावा देते हैं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक बदलाव का माध्यम भी हैं।”
डॉ. लियो एपलैनटोन (यूके):
ओपन एजुकेशन और डिजिटल संग्रह जैसे नए तकनीकी रुझानों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के प्रयास और योगदान
गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा. ध्रुव गलगोटिया ने कहा:
“हमारा उद्देश्य ज्ञान और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाना है। डिजिटल युग में पुस्तकालय केवल अध्ययन का साधन नहीं बल्कि ज्ञान का भंडार और विकास का माध्यम हैं।”
डा. ध्रुव गलगोटिया ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं।
सम्मेलन की उपलब्धियां
इस कार्यक्रम ने पुस्तकालय विज्ञान और सूचना प्रबंधन में नए विचारों और दृष्टिकोणों को बढ़ावा दिया। एआई और सतत विकास लक्ष्यों पर केंद्रित चर्चाओं ने पुस्तकालयों को समाज के लिए और अधिक प्रासंगिक बनाने की दिशा में नए रास्ते खोले।
प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र दिए गए।
आयोजन टीम और धन्यवाद ज्ञापन
गलगोटियास विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डा. देबल सी. कार ने सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी की डिप्टी लाइब्रेरियन डा. माया देवी ने वोट ऑफ थैंक्स देते हुए समापन समारोह की घोषणा की।
सम्मेलन के सत्र समन्वयक के रूप में दिल्ली यूनिवर्सिटी के डा. पवन त्रिपाठी ने सराहनीय योगदान दिया।
गलगोटियास विश्वविद्यालय: शिक्षा और तकनीकी नवाचार का केंद्र
गलगोटियास विश्वविद्यालय ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यह शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता देता है।
इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन छात्रों और अकादमिक जगत के लिए नए अवसर और प्रेरणा लेकर आते हैं।
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