किसानग्रेटर नोएडा

Kisan News : संयुक्त किसान मोर्चा जेल में बंद नेताओं की रिहाई, पुलिस प्रताड़ना पर प्रशासन से सख्त सवाल, सकारात्मक बदलाव की उम्मीद, प्रशासन ने दिया आश्वासन किसानों की मांगों पर विचार

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। यमुना प्राधिकरण के सभागार में आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री अनिल सागर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के एसीईओ सौम्या श्रीवास्तव और यमुना प्राधिकरण के एसीईओ, एडिशनल कमिश्नर शिव हरी मीणा, तथा संयुक्त किसान मोर्चा के 15 घटक दलों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। बैठक में किसानों की प्रमुख मांगों और प्रशासनिक कार्रवाई पर गहन चर्चा की गई।

इससे पहले, डीएम गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के साथ भी किसान मोर्चा की बैठक हुई। इन दोनों बैठकों में मोर्चा ने जेल में बंद किसानों और नेताओं की बिना शर्त रिहाई, तथा पुलिस द्वारा महिलाओं और परिजनों को प्रताड़ित करने की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग प्रमुखता से उठाई।


किसानों की प्राथमिक मांगे: संघर्ष और समाधान की दिशा

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रशासन से पांच प्रमुख मांगों को लेकर वार्ता की:

  1. बिना शर्त जेल से रिहाई:
    जेल में बंद किसानों और नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए।
  2. पुलिस प्रताड़ना पर रोक:
    थाने में महिलाओं और परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने की घटनाएं बंद हों।
  3. संवाद से समाधान:
    किसानों की समस्याओं का समाधान वार्ता और सहयोग के जरिए किया जाए।
  4. अलगाव से बचें:
    गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को अन्य क्षेत्रों में हो रहे किसान आंदोलनों से जोड़कर न देखा जाए।
  5. जेल में संवाद:
    एक किसान प्रतिनिधिमंडल को जेल में बंद नेताओं से बातचीत करने की अनुमति दी जाए ताकि समस्याओं को समझा और हल किया जा सके।
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प्रशासन ने दिया आश्वासन: किसानों की मांगों पर विचार

एडिशनल कमिश्नर श्री शिव हरी मीणा और डीएम मनीष वर्मा ने किसानों को आश्वासन दिया कि पुलिस की मनमानी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई जाएगी।

जेल में बंद किसानों और नेताओं की बिना शर्त रिहाई के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। प्रमुख सचिव श्री अनिल सागर ने आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा का भरोसा दिलाया।


संयुक्त किसान मोर्चा: एकता और ताकत का प्रदर्शन

बैठक में यह साफ हो गया कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की टूट की खबरें पूरी तरह गलत थीं। मोर्चे के 15 घटक दलों से बढ़कर 20 से अधिक संगठन पूरी मजबूती के साथ उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि वे हर परिस्थिति में साथ रहेंगे और आंदोलन को पूरी ताकत से आगे बढ़ाएंगे।


संयुक्त किसान मोर्चा का अगला कदम

किसान नेताओं ने बैठक के बाद यह स्पष्ट किया कि:

  1. सबसे पहले जेल में बंद किसानों और नेताओं को रिहा करवाना प्राथमिकता है।
  2. इसके बाद, आंदोलन के मूल मुद्दों को आगे बढ़ाते हुए संवाद की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
  3. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों की सभी समस्याओं का समाधान शांति और सहयोग से हो।

संवेदनशीलता और सकारात्मक रवैये की उम्मीद

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रशासन से आग्रह किया कि वे आंदोलन को दबाने की जगह संवेदनशीलता और सकारात्मकता के साथ समाधान की दिशा में काम करें।

किसान नेताओं ने कहा,
“हम संवाद के जरिए समस्याओं का हल चाहते हैं। हमारा आंदोलन किसानों की भलाई और उनके अधिकारों के लिए है। प्रशासन को सहयोगात्मक रवैया अपनाना होगा।”


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एकजुटता का संदेश: आंदोलन और मजबूत होगा

बैठक में सभी घटक दलों ने कहा कि यह आंदोलन केवल किसानों के अधिकारों का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह समानता और न्याय के लिए चल रहा आंदोलन है।
उन्होंने कहा कि वे संविधान के दायरे में रहकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे और इसे सफल बनाएंगे।


मुद्दों का समाधान संवाद से ही संभव: किसान मोर्चा

किसान नेताओं ने प्रशासन से अपील की कि वे हिंसा और अफवाहों से बचें और संवाद को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि वार्ता ही स्थायी समाधान का जरिया है।


आंदोलन की दिशा: स्पष्ट और सशक्त

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी रणनीति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि:

  1. जेल में बंद किसानों और नेताओं को रिहा नहीं किया जाता।
  2. आंदोलन के मूल मुद्दों पर प्रशासन सकारात्मक कदम नहीं उठाता।

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