UP DIG News : "आईपीएस अजय पाल शर्मा बने डीआईजी, अपराधियों के लिए आतंक और महाकुंभ 2025 के लिए नई उम्मीद, जानें उनके अब तक के सफर की रोचक कहानी", एनकाउंटर स्पेशलिस्ट से डीआईजी तक का सफर
DIG अजय पाल शर्मा की तैनाती से यह उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से होगा। उनकी निडरता और प्रबंधन कौशल कुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाएंगे। IPS अजय पाल शर्मा की कार्यशैली ने उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय पुलिस अधिकारी बनाया है। उनकी छवि एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय अधिकारी की है।
प्रयागराज, रफ़्तार टुडे। उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा को डीआईजी (डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल) के पद पर प्रमोट किया गया है। उनकी निडर कार्यशैली और अपराध पर नियंत्रण के लिए बनाई गई रणनीतियों ने उन्हें प्रदेश के सबसे प्रभावशाली पुलिस अधिकारियों में शामिल किया है।
2011 बैच के इस अधिकारी को प्रमोशन के साथ ही प्रयागराज महाकुंभ 2025 का अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बनाया गया है। यह न केवल उनकी कार्यकुशलता का प्रमाण है, बल्कि उनकी परफॉर्मेंस के लिए एक बड़ा सम्मान भी है।
महाकुंभ में निभाएंगे अहम भूमिका
अजय पाल शर्मा को महाकुंभ 2025 के लिए नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है। उनकी जिम्मेदारी महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
प्रयागराज में अब वे एडिशनल पुलिस कमिश्नर के तौर पर कार्य करेंगे। महाकुंभ के दौरान एसएसपी और अन्य संबंधित अधिकारी उन्हें सीधे रिपोर्ट करेंगे।
बीते बुधवार को उन्होंने प्रयागराज के जिलाधिकारी के साथ महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया और सुरक्षा से संबंधित जरूरी निर्देश दिए।
300 से अधिक एनकाउंटर और सिंघम की छवि
आईपीएस अजय पाल शर्मा को उनकी तेजतर्रार छवि और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता है। वे अब तक 300 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं।
उन्होंने नोएडा, गाजियाबाद, सम्भल, बागपत और जौनपुर जैसे जिलों में तैनाती के दौरान अपराधियों के बीच खौफ पैदा किया। उनके नेतृत्व में अपराध पर नियंत्रण और पुलिसिंग में सुधार देखने को मिला।
जनता और मीडिया में वे “सिंघम” के नाम से मशहूर हैं। उनकी कार्यशैली अपराधियों के लिए कड़ी चुनौती साबित हुई है।
गाजियाबाद और नोएडा से पुराना नाता
नोएडा और गाजियाबाद में तैनाती के दौरान अजय पाल शर्मा ने बड़ी संख्या में एनकाउंटर किए। एसपी सिटी गाजियाबाद और एसपी जौनपुर रहते हुए उन्होंने अपराधियों के कई संगठनों का सफाया किया।
समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले इलाकों में भी उन्होंने अपनी सख्त पुलिसिंग से अपराधियों पर लगाम लगाई।
प्रमोशन से पहले विभागीय जांच का दौर
हालांकि, डीआईजी प्रमोशन से पहले उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही थी। राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया।
बुधवार को उनके प्रमोशन का आधिकारिक आदेश जारी हुआ। उनके प्रमोशन के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा ,गाजियाबाद में बागपत, जौनपुर समेत कई शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी।
महाकुंभ 2025 के लिए नई जिम्मेदारी, नई उम्मीद
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन की जिम्मेदारी संभालना किसी भी अधिकारी के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।
IPS अजय पाल शर्मा की तैनाती से यह उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से होगा। उनकी निडरता और प्रबंधन कौशल कुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाएंगे।
जनता के बीच लोकप्रियता
IPS अजय पाल शर्मा की कार्यशैली ने उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय पुलिस अधिकारी बनाया है। उनकी छवि एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय अधिकारी की है।
उनकी तैनाती जहां भी होती है, वहां अपराधियों के बीच खौफ और जनता में विश्वास देखने को मिलता है।
रोचक तथ्य और उपलब्धियां
2011 बैच के अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने यूपी पुलिस में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी अगुवाई में यूपी पुलिस ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों को सुलझाया है।
उन्हें अक्सर कठिन इलाकों में तैनाती दी गई है, जहां उन्होंने सफलतापूर्वक पुलिसिंग को मजबूत किया।
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