Gensis Fitness Gym News : जेनेसिस फिटनेस जिम मामला, 10 दिन बाद ड्रग इंस्पेक्टर की जांच, प्रतिबंधित दवाओं के इस्तेमाल का मामला बना रहस्य, 10 दिन बाद की जांच, सवाल खड़े करती है प्रक्रिया, युवाओं के स्वास्थ्य पर खतरा, प्रतिबंधित दवाओं का खतरा
ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। बीटा-2 स्थित जेनेसिस फिटनेस जिम में प्रतिबंधित दवाओं के खुलेआम इस्तेमाल का मामला सामने आने के 10 दिन बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने आखिरकार जांच शुरू की। हालांकि, जांच के नतीजों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि इस जिम में जानवरों पर इस्तेमाल की जाने वाली प्रतिबंधित दवाओं को बच्चों और युवाओं को दिया जा रहा था।
क्या है पूरा मामला?
जेनेसिस फिटनेस जिम में प्रतिबंधित दवाओं के इस्तेमाल की खबरें सामने आई थीं। इन दवाओं के पैकेट पर स्पष्ट लिखा होता है कि इन्हें केवल जानवरों पर प्रयोग किया जाए। लेकिन यह दवाएं जिम में युवाओं को मांसपेशियां बढ़ाने और ताकत बढ़ाने के लिए दी जा रही थीं।
स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई थी और ड्रग इंस्पेक्टर को शिकायत दी थी। लेकिन इंस्पेक्टर ने 10 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की।
गौतम बुध नगर ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह का बयान: ‘मेरी मां बीमार थी’, इसलिए जांच करने में देरी हुई
ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने जांच में देरी का कारण बताते हुए कहा,
“मेरी मां बीमार थीं और मैं उनकी देखभाल के लिए बाहर था। मुझे कल समय मिला, इसलिए मैंने जांच की। अब मुझे जिम में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।”
10 दिन बाद की जांच: सवाल खड़े करती है प्रक्रिया
जांच की देरी: घटना के 10 दिन बाद जांच शुरू होने से सवाल उठता है कि क्या इतने समय में सबूत मिटाए जा सकते हैं?
जल्दबाजी में जांच: स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जांच प्रक्रिया महज औपचारिकता थी और इसे जल्दबाजी में निपटा दिया गया।
निष्कर्ष: ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि जिम में उन्हें कुछ भी गलत नहीं मिला।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों और जिम के आस-पास के लोगों ने ड्रग इंस्पेक्टर की देरी और जांच प्रक्रिया पर नाराजगी जताई।
एक निवासी ने कहा,
“10 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब कहा जा रहा है कि कुछ नहीं मिला। यह सबूत मिटाने का मामला भी हो सकता है।”
कई लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
प्रतिबंधित दवाओं का खतरा
जानवरों पर इस्तेमाल होने वाली दवाओं का इंसानों पर उपयोग गंभीर स्वास्थ्य खतरों का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य जोखिम: ये दवाएं हार्मोनल असंतुलन, अंगों को नुकसान और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
युवाओं का स्वास्थ्य: इन दवाओं का इस्तेमाल बच्चों और युवाओं को शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कराया जा रहा था, जिससे उनके स्वास्थ्य को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है।
प्रशासन पर उठे सवाल
जांच में देरी: क्यों ड्रग इंस्पेक्टर ने तुरंत कार्रवाई नहीं की?
सबूत मिटाने की संभावना: क्या 10 दिन का समय इस मामले को दबाने के लिए दिया गया?
सख्त कार्रवाई की मांग: स्थानीय निवासियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या कहता है कानून?
प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग और वितरण ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत दंडनीय अपराध है। अगर यह साबित हो जाता है कि जिम में इन दवाओं का इस्तेमाल किया गया, तो दोषियों को कड़ी सजा दी जा सकती है।
अगले कदम
स्थानीय निवासियों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पुलिस और प्रशासन को भी इस मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी।
जिम प्रबंधन को भी जवाब देना होगा कि उनके यहां ऐसी गतिविधियां क्यों हो रही थीं।
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